टिहरी विधानसभा सीट नाटकीय घटनाक्रमों में फंसा पेंच

टिहरी विधानसभा सीट का चुनावी परिदृश्य इस बार काफी कुछ बदला हुआ है। पिछले चुनाव में बुरी तरह पिछड़ी कांग्रेस इस बार मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिशों में जुटी है। चुनावी नतीजे बहुत कुछ कांग्रेस के प्रयासों पर निर्भर रह सकते हैं।
2012 के चुनाव में भिड़े किशोर उपाध्याय, धन सिंह नेगी और दिनेश धनै इस बार भी परस्पर चुनौती दे रहे हैं
अंतर बड़ा रोचक है। तब किशोर कांग्रेस और नेगी भाजपा प्रत्याशी थे। इस बार ठीक उलटा है। धनै ने भी उत्तराखंड जन एकता पार्टी के नाम से अपना संगठन बनाया है। निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश धनै ने कड़े मुकाबले में दो बार के विधायक उपाध्याय से यह सीट छीन ली थी। वह हरीश रावत सरकार में मंत्री बने पिछले चुनाव में किशोर उपाध्याय सहसपुर से चुनाव लड़े लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा टिहरी में भाजपा के धन सिंह नेगी ने निर्दलीय धनै को बड़े बहुमत से हरा दिया था। तब कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र रमोला को लगभग साढ़े चार हजार मत ही मिले थे। माना जाता है कि कांग्रेस की ओर से जानबूझकर एक रणनीति के तहत कमजोर प्रत्याशी खड़ा किया गया था तीनों प्रत्याशी अपने- अपने काम और प्रतिद्वंद्वियों की कमियां गिनाकर वोट मांग रहे हैं। टिहरी सीट चम्बा और जाखणीधार ब्लॉकों,तथा नई टिहरी एवं चम्बा नगर पालिकाओं में बंटी है। यहां भी वही रोचक मामला है।दोनों ब्लाक प्रमुख भाजपा से हैं और पालिका अध्यक्ष कांग्रेसी। इन चारों महिला जनप्रतिनिधियों ने अपने दल नहीं बदले हैं। और पार्टी के लिए काम कर रही हैं। महानुभाव संदेश ग्रहण करेंगे। इस सीट पर यूकेडी, आम आदमी सहित कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं। जिला मुख्यालय होने के कारण सरकारी कर्मचारी मतदाता प्रभावी भूमिका में हैं। जातीय समीकरण बिठाने की भी कोशिशें जारी हैं।
टिहरी सीट पर मतदाता
कुल 83,542
महिला 40,527
पुरुष 43,015
स्थानीय मुद्दे
जिला मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने, बांध प्रभावितों की समस्याओं का निराकरण, चंबा और नई टिहरी में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति, केंद्रीय विद्यालय का भवन निर्माण, बौराड़ी स्टेडियम का काम, टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, श्रीदेव सुमन विवि की व्यवस्थाएं दुरुस्त करना