उत्तराखंड

नियुक्ति प्रक्रिया में उठे सवाल को लेकर एम्स प्रशासन ने उठाया यह कदम

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कार्यरत करीब 1600 नर्सिंग आफिसर से संबंधित तमाम जानकारियां एम्स प्रशासन ने संबंधित विभाग के अधीक्षक से तलब की गई है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों नियुक्ति प्रक्रिया में उठे सवाल को लेकर एम्स प्रशासन ने यह कदम उठाया है। साथ ही नर्सिंग सुपरीटेंडेंट का कहना है कि नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रेशन के बिना नियुक्ति किए जाने का प्रविधान नहीं है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में दो सप्ताह पूर्व सीबीआइ देहरादून की टीम ने छापा मारा था। छह दिन तक चली जांच के दौरान टीम ने खरीददारी के अतिरिक्त नियुक्तियों से संबंधित मामलों की जांच की थी। जिसमें नर्सिंग आफिसर की नियुक्ति का मामला भी शामिल था। अब राजस्थान प्रांत के नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति का मामला चर्चा में है।

 

एम्स ऋषिकेश में वर्तमान में नर्सिंग आफिसर के 2000 पद हैं। जिनमें 1000 पदों पर स्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं। 600 पदों पर आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से नर्सिंग आफिसर काम कर रहे हैं। शेष 400 पद ऐसे हैं जो प्रशासनिक विभाग से संबंधित है। जिन्हें पूरा करने की प्रक्रिया नई भर्ती के माध्यम से नहीं बल्कि प्रमोशन पालिसी के जरिये होना है। इसके लिए अभी डीपीसी नहीं हुई है। एम्स प्रशासन की ओर से एमएस आफिस से 1600 नर्सिंग आफिसर से संबंधित जानकारी मांगी गई है। जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि जानकारी के तहत सभी नर्सिंग आफिसर की स्थिति, उनसे संबंधित स्टेट काउंसिल रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र की भी जानकारी मांगी गई है। उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता से इन्कार किया उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के मानकों और गाइडलाइन के अनुरूप अखिल भारतीय स्तर पर इस तरह की भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाती है।

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