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टिहरी में जल संरक्षण, बरसात से पहले आरगढ़ और सोंग नदी पुनर्जीवित करने का मिशन तेज

टिहरी में जल संरक्षण, बरसात से पहले आरगढ़ और सोंग नदी पुनर्जीवित करने का मिशन तेज

‘‘जल संवर्धन, जल स्तर को बनाये रखने, भूजल स्तर में सुधार तथा पर्यटन/मत्स्य पालन गतिविधियों हेतु मनरेगा कन्वरजेंस और सारा के सहयोग से आरगढ़ नदी एवं सोंग नदी में किये जा रहे कार्यों में प्रगति लाते हुए बरसात से पूर्व पूर्ण करें-जिलाधिकारी टिहरी।‘‘

शुक्रवार को जिला सभागार नई टिहरी में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यकारी समिति (सारा), मिशन अमृत सरोवर और जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक आहूत की गई। जिला स्तरीय कार्यकारी समिति (सारा) की बैठक में मनरेगा कन्वरजेंस और स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी के सहयोग से जल संवर्धन, जल धारा क्षमता को बढ़ाने तथा पर्यटन/मत्स्य पालन को लेकर किये जा रहे कार्यों पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने विकास खण्ड भिलंगना के अन्तर्गत आरगढ़ नदी एवं सकलाना क्षेत्रान्तर्गत सोंग नदी तथा उनकी सहायक नदी, धारा उपचार के कार्यों को गुणवत्ता के साथ कार्यों में प्रगति लाते हुए बरसात से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिये। साथ ही कार्यों की नियमित टेस्टिंग करवाने, समुचित दस्तावेजीकरण और जियो टेगिंग फोटोग्राफ्स् रखने को कहा गया।

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जिलाधिकारी ने कहा कि क्रिटिकल जल स्रोतों के कार्यों को प्राथमिकता दें तथा ट्रेंचिंज के कार्य वन विभाग की गाइडलाइन/मानकानुसार किये जायें। जिलाधिकारी ने जल संरक्षण अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर 425 तथा विकासखण्ड स्तर पर 89 कुल 514 जल स्रोतों के कार्यों की डीपीआर जलागम को उपलब्ध कराने, पीपीटी तैयार करने, मनरेगा कन्वर्जेंस के कार्यों को तेजी से क्रियान्वित करने, गांवों में किये जा रहे कार्यों की सूची ग्राम पंचायत भवन में चस्पा करने तथा सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि अधिकारी जल संरक्षण के कार्याें के प्रस्ताव इस बैठक में प्रस्तुत करें। सिंचाई विभाग को जल संचय अभियान पोर्टल को नियति अपडेट करने को कहा गया।

उप निदेशक जलागम/सदस्य सारा नवीन सिंह बरफवाल ने बताया कि जल संरक्षण अभियान के अन्तर्गत विकास खण्ड भिलंगना के अन्तर्गत आरगढ़ नदी-सहायक नदी-धारा उपचार कार्यों के तहत 20 चैकडेम बनाये जाने हैं, जिनमें से 04 पर कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 14 पर काम चल रहा है। इसके साथ ही जल संरक्षण हेतु खन्तियों का काम चल रहा है, जिनमें वृक्षारोपण किया जाना है। इसके साथ ही सकलाना क्षेत्रान्तर्गत सोंग नदी-सहायक नदी-धारा उपचार के तहत 36 आरसीसी चैकडेम बनने हैं, जिनमें से 17 पर कार्य शुरू हो चुका है तथा गैबियन स्ट्रक्चर चैकडेम भी बनाये जाने हैं।

डीडीओ मो. असलम ने मिशन अमृत सरोवर की समीक्षा के दौरान बताया कि फेज वन में लक्ष्य के सापेक्ष 150 अमृत सरोवर निर्मित किये गये हैं, जिनमें से 14 आजीविकापरक गतिविधियों हेतु उपलब्ध कराये गये हैं। फेज 2 में सामुदायिक जल संचयन तालाबों का निर्माण, मत्स्य पालन तालाबों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार किये जा रहा है।

जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के तहत जिलाधिकारी ने विभिन्न पम्पिंग एवं ग्रेवटी पेयजल योजनाओं, एफएचटीसी आदि कार्यों की समीक्षा की गई। उन्होंने सर्टिफिकेशन के कार्यों हेतु ग्राम स्तर पर जल्द बैठकें आयोजित करने तथा थर्ड पार्टी के साथ समन्वय कर एफसीआर के कार्यों में प्रगति लाने को कहा।

बैठक में सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, डीएफओ टिहरी वन प्रभाग पुनीत तोमर, डीएफओ टिहरी डैम संदीपा शर्मा, एडीएम ए.के. पाण्डेय, डीपीआरओ एम.एम.खान, डीटीडीओ एस.एस. राणा, अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई बृजेश गुप्ता, सिंचाई अनूप ड्यूंडी सहित जल संस्थान, पेयजल निगम एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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