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उत्तराखंडसामाजिक

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देशों टिहरी गढ़वाल में 08 जनवरी 2022 से आदर्श आचार संहिता प्रभावी , देखे क्या है नियम व शर्तें

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नई टिहरी 10 जनवरी -विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के क्रियान्वयन हेतु भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिशा निर्देशों के अनुपालन में अनुसार जनपद टिहरी गढ़वाल में 08 जनवरी 2022 से आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गयी है।

यह जानकारी देते हुए जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद टिहरी गढ़वाल की सीमाओं के अन्तर्गत कतिपय असमाजिक तत्वों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया को बाधित करने, साप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर धार्मिक उन्माद भड़काकर मतदाताओं को ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया जा सकता है तथा विभिन्न प्रकार की अपराधिक गतिविधयों को बढ़ावा देकर जनपद में सम्प्रदायिकता, जातिद्वेष, राजनैतिक प्रतिद्धदता, क्षेत्रीयता आदि के आधार पर आपसी वैमन्स्य को प्रभावित कर लोक परिशान्ति भंग की जा सकती है। कहा कि यह भी सम्भावना है कि विभिन्न राजनीतिक दल / संगठन / उम्मीदवार / व्यक्ति निष्पक्ष व शान्तिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से मतदाताओं को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देने का प्रयास किया जा सकता है। जिसको देखते हुए उन्होंने जनपद में निष्पक्ष शान्तिपूर्ण पारदर्शी व्यवस्था के साथ निर्वाचन प्रक्रिया को सम्पन्न कराये जाने हेतु तत्काल लोक परिशान्ति कायम रखने हेतु कार्यवाही किया जाना आवश्यक बताया है। जिला मजिस्ट्रेट टिहरी गढ़वाल द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के प्राविधानों के तहत निषेधाज्ञायें जारी की गई है। 

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनपद क्षेत्रान्तर्गत किसी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी सभा या बैठक आयोजन संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर / सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जायेगा। 

कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर 05 या 05 से अधिक व्यक्तियों का समूह बिना अनुमति के नहीं बनायेगा और न ऐसे समूहों में शामिल होगा। यह प्रतिबन्ध ड्यूटी पर तैनात अधिकारी / कर्मचारियों सांस्कृतिक समारोह, शिक्षण संस्थानों में शिक्षा हेतु एकत्रित हुए अध्ययनरत विद्यार्थियों व उद्योग धन्धो / इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, व्यवसायिक गतिविध हेतु एकत्रित व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा यह शर्त मतदान समाप्ति से 48 घण्टे से पूर्व समाप्त होने वाले प्रचार पर लागू नहीं होगा।

कितसी प्रत्याशी / राजनैतिक दल अथवा उनके समर्थकों द्वारा चुनाव प्रचार हेतु ध्वनि विस्तार यंत्रों का प्रयोग सम्बन्धित परगना मजिस्ट्रेट / जिला निर्वाचन अधिकारी / रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्राधिकृत सक्षम स्तर की अनुमति के बगैर बैठक ध्वनि विस्तारक यंत्र / उपकरणों का प्रयोग रोड-शो जुलूस, जनसभा वाहन रैली आदि आयोजित नहीं करेगा व न ही करवायेगा और ना ही उत्तेजनात्मक नारे आदि लगवायेगा। विद्यालयों, चिकित्सालयों तथा धार्मिक स्थलों के समीप ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जायेगा।

प्रणतिबन्धित क्षेत्र में अपने पद के कर्तव्यों की सेवा में लगे हुए राजकीय कर्मचारियों एवं सिख धर्म के अनुयाईयों जिनके लिए तलवार, कृपाण आदि धारण करना धार्मिक कर्तव्य है, को छोड़कर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार से हथियार, चाकू, गोला, लाठी, डण्डा बल्लम, भाला, आग्नेयास्त्र जैसे- बन्दूक पिस्टल या विस्फोटक पदार्थ जैसे- पेट्रोल, तेजाब आदि लेकर नहीं चलेगा और न अपने पास रखेगा और न ही इनसे किसी को भी आतंकित करने का प्रयास करेगा। सुरक्षा एवं शान्ति व्यवस हेतु तैनात पुलिस कर्मी / होमगार्ड के जवान तथा वृद्ध, बीमार एवं अपंग व्यक्ति लाठी, डण्डा लेकर चलने हेतु इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे।

कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर ईंट पत्थर या फेक कर मारे जाने वाली वस्तुएं एकत्रित नहीं करेगा और न करायेगा।कोई भी व्यक्ति / राजनैतिक दल / अभ्यर्थी प्रचार-प्रसार के दौरान भारत की अखण्डता को क्षति पहुंचाने वाली अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करेगा और न ही ऐसे नारे लगाएगा जिससे किसी भी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचे या शान्ति भंग होने की संभावना हो। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की झूठी अफवाहों या खबरों को प्रकाशित / प्रसारित नहीं करेगा न करायेगा और न ही इसका विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से प्रसारण में सहायक होगा, जिससे आम जनता विभिन्न वर्गो, सम्प्रदायों के साथ घृणा व द्वेष की भावना उत्पन्न हो, अथवा शान्ति भंग होने की संभावना हो।

कोई भी राजनैतिक दल किसी विपक्षी दल के संबंध में सिवाय उसकी नीतियों, कार्यक्रमों एवं उसके किए गए कार्य की आलोचनात्मक समीक्षा के अतिरिक्त कोई भी व्यक्तिगत अथवा कोई ऐसा आक्षेप नहीं लगाएगा, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हो । कोई भी व्यक्ति एवं राजनैतिक दल जातिगत एवं धार्मिक भावनाओं आदि को मतो को आकृष्ट करने के उद्देश्य से नहीं भड़काएगा। कोई भी व्यक्ति शिक्षण संस्थानों, दुकानों, सार्वजनिक प्रतिष्ठनों आदि को जबरदस्ती बन्द करवाने का न तो प्रयास करेगा और न ही इसके लिए प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति या राजनैतिक दल धार्मिक स्थान जैसे- मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा एवं चर्च आदि का प्रयोग चुनाव प्रचार प्रसार हेतु नहीं करेगा। 

किसी भी व्यक्ति राजनैतिक दल द्वारा सार्वजनिक भवनों, सार्वजनिक स्थानों पर नारेबाजी नहीं करेगा तथा उत्तराखण्ड लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 2003 के अनुसार किसी भी लोक सम्पति को होल्डिंग, पोस्टर, बैनर इत्यादि के माध्यम से प्रचार-प्रसार हेतु प्रयोग में नहीं लायेगा। 

प्रत्याशियों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयोग किये जा रहे वाहनों में भारवाहक क्षमता से अधिक व्यक्ति सवार नहीं होंगे जनसुविधा एवं यातायात की सुगमता को ध्यान में रखते हुए वाहनों का विवरण रिटर्निंग ऑफिसर / सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को उपलब्ध कराया जाना आवश्यक होगा।

कोई भी राजनैतिक दल तथा प्रत्याशी मतों को आकृष्ट करने के उद्देश्य से न ही किसी को डरायेगा न ही रिश्वत देगा और न ही अपने पक्ष में करने के लिए उपहार पैसा / धन देगा और नहीं भोजन पार्टी आदि का आयोजन करेगा।कोई भी राजनैतिक दल तथा प्रत्याशी मतदाताओं को मतदान दिवस पर उनके मतदेय स्थलों तथा व्यक्तिगत अथवा अन्य चाहनों से नहीं पहुंचायेगा।

जनपद में स्थापित समस्त मतदान केन्द्रों से 200 मीटर के अन्दर मतदाता अभ्यार्थी या चुनाव अभिकर्ता मतदान अभिकर्ता एवं निर्वाचन कार्य से सम्बन्धित शान्ति व्यवस्था में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारी पुलिस बल के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा। किसी भी राजनैतिक दल अभ्यर्थी को 15 जनवरी 2022 तक किसी भी प्रकार की रैली. रोड-शो जुलूस आदि कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं होगी। तत्पश्चात् निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यदि रैली/ रोड-शो या बैठक आदि की अनुमति दी जाती है तो राजनैतिक दल / अभ्यर्थी को अपने स्वयं के संसाधनों से मास्क, सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था बैठक के दौरान करवानी होगी। साथ ही रैली स्थल पर सामाजिक दूरी के नियमों का भी पालन करना अनिवार्य होगा।

कोई भी व्यक्ति / राजनैतिक दल / अभ्यर्थी आदि समय-समय पर जारी कोविड-19 निर्देशों का उल्लंघन नहीं करेगा। इस अवधि के दौरान राजनैतिक दल, संगठन, अभ्यर्थी आदि के द्वारा कोविड- 19 गाइडलाईन का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 के प्राविधानों के तहत उत्तरदायी होने के साथ-साथ आई०पी०सी की धारा-188 के अन्तर्गत दण्ड का भागीदार होगा। इसके अतिरिक्त गृह मंत्रालय के आदेश संख्या-40-30/2020-डी०एम०-1 (ए) दिनांक 27 दिसम्बर 2021 में प्राविधानों के तहत भी उत्तरदायी होगा।

इस आदेश की प्रति जिला कार्यालय, जिला निर्वाचन कार्यालय, तहसील मुख्यालयों, विकास खण्ड मुख्यालयों, पुलिस विभाग थानों, नगरपालिका परिषदों, नगर पंचायतों के सूचना पट्ट पर चस्पा हो तथा स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के साथ-साथ समस्त थानाध्यक्षों द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों अथवा डुगडुगी पिटवाकर इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करवाया जायेगा।

चूँकि यह मामला विशेष परिस्थितियों आपातकालिक स्वरूप का है तथा सम्भव नहीं है कि व्यक्ति एवं व्यक्तियों के समूहों को धारा-111 सी०आर०पी०सी० का नोटिस दिया जा सकें। अतएव यह आदेश जनहित में एकपक्षीय पारित किया जा रहा है। इस आदेश का उल्लंघन वर्तमान में प्रवृत्त अन्य कानूनों के प्रासांगिक प्राविधानों व नियम के तहत अनुमान्य न होने के कारण भा०द०स० की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय है।

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