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टिहरी : पेयजल संकट, जल संस्थान और जल निगम ने की प्रेस वार्ता, ये होगी वैकल्पिक व्यवस्था, जानिए

टिहरी : पेयजल संकट, जल संस्थान और जल निगम ने की प्रेस वार्ता, ये होगी वैकल्पिक व्यवस्था, जानिए

टिहरी गढ़वाल: जिले में बढ़ते पेयजल संकट को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देशन में सोमवार को जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों द्वारा प्रेस को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान नई टिहरी, प्रशान्त भारद्वाज ने बताया कि कोटेश्वर झील का जल स्तर कम होने और टीएचडीसी परियोजना के सिविल कार्यों के कारण नई टिहरी पम्पिंग पेयजल योजना में पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। नई टिहरी शहर की प्रतिदिन 6 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान में केवल 3 एमएलडी पानी ही उपलब्ध हो पा रहा है।

 जोन में विभाजन और वैकल्पिक व्यवस्था

शहर में पेयजल आपूर्ति को व्यवस्थित करने के लिए इसे 8 जोनों में बांटा गया है। रोस्टर के आधार पर प्रतिदिन एक जोन को छोड़कर बाकी सभी जोनों में जलापूर्ति की जा रही है। जिन इलाकों में जलापूर्ति बंद रहती है, वहां 6 टैंकरों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। गर्मी और पानी की बढ़ती खपत को देखते हुए आवश्यकता अनुसार पानी के टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

 सारजूला क्षेत्र में व्यवस्था

सारजूला क्षेत्र में 3 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है, जिससे 22 गांवों को प्रतिदिन 2 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। वर्तमान में इस क्षेत्र में कोई समस्या नहीं है। जलापूर्ति के लिए टीएचडीसी से फंडिंग के संबंध में भी जानकारी दी गई।

 मीडिया के सुझाव और आगे की योजना

मीडिया प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि रोस्टर प्रक्रिया समाप्त कर सप्ताह में एक दिन सभी जगह जलापूर्ति बंद रखकर शेष दिनों में पर्याप्त पानी सप्लाई किया जाए। अधिशासी अभियन्ता ने इस सुझाव पर विचार करने और योजना बनाने का आश्वासन दिया। साथ ही अनियमित जलापूर्ति की शिकायतों पर कार्रवाई करने की बात कही।

 ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति

अधिशासी अभियन्ता जल निगम चम्बा, के.एन. सेमवाल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत घर-घर कनेक्शन दिए गए हैं। स्रोतों के स्राव कम होने के कारण टैंकरों से वैकल्पिक जलापूर्ति की जा रही है। चम्बा के लिए नई योजना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और काणाताल में सुरकण्डा देवी पेयजल योजना शुरू हो चुकी है, जिससे काणाताल और आस-पास के क्षेत्रों को राहत मिली है। कैम्पटी को मसूरी पेयजल योजना से जोड़ा गया है और पिछले सप्ताह से मार्केट एरिया में पेयजल आपूर्ति की जा रही है।

देवप्रयाग क्षेत्र की व्यवस्था

अधिशासी अभियंता जल संस्थान देवप्रयाग, नरेश पाल ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर 7 वॉटर एटीएम, 2 वॉटर प्यूरिफायर, 2 स्टैंड पोस्ट, 65 हैंड पम्प और 19 टीटीएसपी सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। झण्डीधार पेयजल योजना में भी नियमित पम्पिंग हो रही है।

 निष्कर्ष

पेयजल आपूर्ति की इस गंभीर समस्या को देखते हुए जल संस्थान और जल निगम की ओर से त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। मीडिया के सुझावों पर भी विचार किया जा रहा है ताकि समस्या का समाधान तेजी से किया जा सके। इस मौके पर अधिशासी अभियन्ता जल निगम मुनिकीरेती प्रवीण शाह सहित अन्य अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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