Big breaking : इनको बनाय गया प्रोटेम स्पीकर, राज्यपाल दिलाएंगे शपथ

विधानसभा चुनाव के बाद अब सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भाजपा जहां मुख्यमंत्री पद के चयन के लिए मंथन कर रही है। वहीं, राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह पांचवी नवगठित विधानसभा के लिए भाजपा के सीनियर विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बंशीधर भगत नई सरकार में विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन ना होने तक प्रोटेम स्पीकर बने रहेंगे।
अनुच्छेद    180  (1)  के  तहत  राज्यपाल  की   ओर भाजपा के सातवीं बार के विधायक बंशीधर भगत को  प्रोटेम  स्पीकर     नियुक्त  किया   गया  है  जिसके  लिए  राज्यपाल  द्वारा अधिसूचना जारी कर दी  गई है। कुछ दिनों में प्रोटेम स्पीकर को  राज्यपाल द्वारा शपथ      दिलाई       जाएगीद्यआपको      बता      दें       कि  अनुच्छेद     188    के      तहत    प्रोटेम    स्पीकर      द्वारा विधानसभा    के   नवनिर्वाचित    सदस्यों    को   शपथ  दिलाई जाती है।
बंशीधर   भगत   उत्तराखंड   राज्य   के   छठवें   प्रोटेम  स्पीकर  होंगे, इससे पूर्व    2017 में  स्वर्गीय  हरबंस कपूर द्वारा  पांचवें  प्रोटेम  स्पीकर  के  रूप में शपथ ली    गई   थी।     नई   विधानसभा    की    ओर    से   नए  अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कर लिया जाता, तब तक विधानसभा    के   अध्यक्ष    के     पद   के   कर्तव्यों   का निर्वहन           करने            के            लिए           संविधान            के  अनुच्छेद-180(1)    के    अनुसार    राज्यपाल    द्वारा  कार्यवाहक   अध्यक्ष  (प्रोटेम    स्पीकर)   की  नियुक्ति की जाती है।
इसके    साथ   ही   संविधान   के     अनुच्छेद-188   के प्राविधान   के      अनुसार  नव   निर्वाचित  सदस्यों  को सदन  में   स्थान  ग्रहण   करने  से   पूर्व  राज्यपाल  या उनके  द्वारा   इस   निमित्त   नियुक्त  किसी   व्यक्ति  के समक्ष   शपथ     लेना   आवश्यक   होता    है।   बंशीधर भगत   अब  तक  सात  बार  विधायक  बन   चुके  हैं। वर्ष      1991     में      वह     पहली     बार       उत्तर     प्रदेश  विधानसभा   में   नैनीताल   से   विधायक   बने।   फिर  1993     व    1996     में     तीसरी    बार    नैनीताल    के विधायक बने।
इस दौरान उन्हें   उत्तर प्रदेश सरकार   में  खाद्य    एवं रसद    राज्यमंत्री,  पर्वतीय विकास मंत्री,  वन  राज्य मंत्री    का  कार्यभार  संभाला।  वर्ष  2000  में   राज्य गठन    के   बाद    वह    उत्तराखंड   के   कैबिनेट     मंत्री  रहे।वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा से वह चौथी बार विधायक बने।  उत्तराखंड  सरकार  में उन्हें वन  और परिवहन मंत्री बनाया गया।
इसके      बाद      2012      में      परीसिमन       कालाढूंगी  विधानसभा से उन्होंने फिर विजय प्राप्त   की। फिर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में छठी जीत दर्ज की।   बीजेपी  के  प्रदेश  अध्यक्ष   एवं   कैबिनेट  मंत्री  बनने के बाद उन्होंने सातवी बार कालाढूंगी से इस बार भी जीत दर्ज की हैद्य
 



