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टिहरी में उड़ान की तैयारी, युवाओं को मिल रहा टंडेम पायलट बनने का मौका

टिहरी में उड़ान की तैयारी, युवाओं को मिल रहा टंडेम पायलट बनने का मौका

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से प्रदेश के युवाओं को साहसिक खेलों की गतिविधियों का अभ्यास कराकर उन्हें स्वरोजगार देने के लिए अग्रसर है। साथ ही प्रशिक्षण शिविर युवा पैराग्लाइडर्स को टंडेम पायलट बनने का एक सुनहरा मौका दे रहा है। 

जनपद टिहरी के कोटी कॉलोनी में चल रहे 10 दिवसीय पैराग्लाइडिंग अभ्यास शिविर में प्रशिक्षण लेने पहुंचे पैराग्लाइडर्स अनुभवी प्रशिक्षकों के साथ पैराग्लाइडिंग की बारीकियों को पहचान रहे हैं। महाराष्ट्र से आये मुख्य प्रशिक्षक तानाजी ताकवे की अध्यक्षता में यह अभ्यास शिविर किया जा रहा है। अभ्यास शिविर में महाराष्ट्र के अक्षय कोंद्रा और बागेश्वर के हिमांशु धोकटी अनुभवी प्रशिक्षक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। हिमांशु ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में जनपद टिहरी से पांच, देहरादून से एक,उत्तरकाशी से दो, बागेश्वर से एक और भीमताल से एक युवा पैराग्लाइडर का चयन हुआ, जिन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हिमांशु ने बताया कि सभी पैराग्लाइडर्स को अभ्यास के दौरान कुठा फ्लाइंग पॉइंट और प्रताप नगर पॉइंट से फ्लाई कराई जा रहा है। इस दौरान उन्हें लैंडिंग,टेक ऑफ और हवा के वेरिएशन की जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन्हें टेंडम पायलट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। 

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उत्तरकाशी से चयनित पृथ्वी ने बताया कि उन्होंने गत वर्ष पैराग्लाइडिंग का कोर्स किया था। जहां उन्होंने बेसिक चीज सीखी थी। उन्होंने बताया कि इस अभ्यास सत्र से वे फ्लाइंग हॉर्स और अपनी स्किल्स को एडवेंचरस तौर पर विकसित करेंगे। साथ ही एक अच्छे टंडेम पायलट के तौर पर लाइसेंस प्राप्त कर अपना रोजगार स्थापित करेंगे। पृथ्वी ने बताया कि उत्तराखंड टूरिज्म युवाओं को फुल सपोर्ट कर रहा है। साथी ऐसे मौके दे रहा है कि जहां युवा अपना रोजगार खुद स्थापित कर सके।  

 इन चरणों के बाद मिलता है लाइसेंस

 पैराग्लाइडर पायलट का लाइसेंस अप्लाई करने के लिए भी यह शिविर बहुत ही उपयोगी साबित हो रहा है। अनुभवी प्रशिक्षक हिमांशु ने बताया कि एक पैराग्लाइडर पायलट बनने के लिए आपको कई चरणों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले चरण में पैराग्लाइडर का एयरटाइम व फ्लाई टाइम 100 घंटे का पूरा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में आपके पास सिमुलेशन इन फ्लाइट (SIV)का सर्टिफिकेट होना चाहिए। तीसरे चरण में आपको क्रॉस कंट्री यानी की हवा में कम से कम 35 किलोमीटर का ट्रायंगल बनाना बहुत जरूरी है। इन सभी चरणों के बाद आप एक पैराग्लाइडर पायलट के लिए अपना लाइसेंस अप्लाई कर सकते हैं। अगर आपकी यह सब चीज पूरी होगी तो आपको तुरंत पैराग्लाइडिंग का लाइसेंस मिल जाएगा।

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