उत्तराखंड

तो क्या महिला मतदाता ही होंगे टिहरी जिले में निर्णायक एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेेस की बीच कांटे की टक्कर का अनुमान ,धनै यदि चुनाव जीते तो होगे किंग मेकर

नई टिहरी, 9, मार्च (मुकेश रतूड़ी): विधानसभा चुनाव परिणाम के लिए अब चंद घंटे ही बाकी हैं। लेकिन विभिन्न चैनल और सर्वे एजेंसियों की ओर से जारी एक्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया गया है। एग्जिट पोल में भाजपा को जहां 20 तो कांग्रेस को 19 दिखाया गया है। दोनों दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। बहुमत न मिलने पर 2012 के चुनाव की भांति इस चुनाव में भी निर्दलीय, बसपा और आप सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। टिहरी जिले की छह विधानसभा सीटों पर महिलाओं ने 62.88 प्रतिशत के साथ बंपर वोटिंग की है। जिसको भाजपा अपना जीत का मंत्र बता रही है। अब 10 मार्च को फाइनल नतीजों का इंतजार है।

टिहरी जिले की छह विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की अधिकांशत सीधी टक्कर है। लेकिन टिहरी सीट पर उपजा, धनोल्टी में भाजपा के बागी, देवप्रयाग में यूकेडी, प्रतापनगर में निर्दलीय और घनसाली सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बागी जरूर समीकरण बिगड़ सकते हैं। एक्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच जबर्दस्त टक्कर का अनुमान जताया गया है। ऐसे में छोटे दल सत्ता की चाबी का सबसे बड़ा जरिया बन सकते हैं। टिहरी सीट पर भाजपा के किशोर उपाध्याय और कांग्रेस के धन सिंह नेगी के लिए उजपा के दिनेश धनै सबसे बड़ा कांटा बताया जा रहा है। धनै यदि चुनाव जीतते हैं तो वह 2012 की भांति किंग मेकर होंगे। प्रतापनगर सीट पर भाजपा के विजय पंवार और कांग्रेस के विक्रम नेगी को निर्दलीय पंकज व्यास की चुनौती है। घनसाली में भाजपा के शक्ति लाल शाह और कांग्रेस के धनीलाल शाह के लिए बागी प्रत्याशी भीमलाल आर्य और दर्शन लाल आर्य दिक्कत पैदा कर सकते हैं। धनोल्टी में भाजपा के प्रीतम सिंह और कांग्रेस के जोत सिंह बिष्ट के लिए बागी प्रत्याशी महावीर रांगड़ चुनौती हैं। देवप्रयाग में भाजपा के विनोद कंडारी और कांग्रेेस के मंत्री प्रसाद नैथानी को यूकेडी के दिवाकर भट्ट से जूझना पड़ सकता है। हालांकि नरेंद्रनगर में भाजपा के सुबोध उनियाल और कांग्रेस के ओमगोपाल की सीधी टक्कर है। टिहरी जिले में कुल 55.71 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले हैं। जिसमें पुरुष मतदाताओं का मत प्रतिशत जहां महज 48.55 प्रतिशत है तो महिला मतदाताओं ने 62.88 प्रतिशत वोट डाले हैं। दरअसल यह चुनाव में जीत और हार का समीकरण बन सकता है। जानकारों का मानना है महिला मतदाता इस बार भाग्य विधाता बन सकते हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि महिला मतदाताओं और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने पीएम मोदी के नाम पर जमकर वोट डाले हैं। जिससे भाजपा की बांछे खिलीं हैं। एग्जिट पोल में भी पूछ सवाल पर 35 फीसदी से अधिक महिलाओं ने केंद्र सरकार की ओर से फ्री राशन, कोरोना में बेहतर प्रबंधन और किसान सम्मान निधि के नाम पर वोट डाले हैं। घनसाली विधानसभा में 60.25 प्रतिशत महिलाओं ने वोटिंग की है। जबकि देवप्रयाग में 61.68, प्रतापनगर 58.08, टिहरी 60.09, धनोल्टी में सर्वाधिक 70.13 और नरेंद्रनगर में 67.06 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले हैं। राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार विक्रम सिंह बिष्ट का मानना है कि केंद्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण की अनेक योजनाएं चलाई हैं। उनका सीधा लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। खास बात कि योजनाओं का पैसा सीधे खातों में ट्रांसफर हो रहा है। ऐसे में महिला वोटर की निर्णायक साबित होंगी।

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