उत्तराखंड

बड़ी खबर : प्रधानाचार्य पद पर बंपर पदोन्नति , अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण हेतु स्वीकृति , देखिए लिस्ट

उत्तरांचल शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली, 2006 के नियम 5 (पांच) के अन्तर्गत प्रधानाचार्य / प्रधानाचार्या रा०३० का० / रा०बा० इ०का० के पद पर पदोन्नति हेतु प्रधानाध्यापक पद पर 05 वर्ष की अहंकारी सेवा अवधि निर्धारित है। उक्त नियम के परन्तुक में प्रावधान है कि “परन्तु यदि कम संख्या (5) पर उल्लिखित पदों के सम्बन्ध में पर्याप्त संख्या में पात्र अधिकारी पदोन्नति के लिए उपलब्ध न हो तो सरकार द्वारा अपेक्षित सेवा अवधि को शिथिल किया जा सकता है।

 

उक्त के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश शैक्षिक अध्यापन (अधीनस्थ (राजपत्रित) सेवा नियमावली, 1993 ( उत्तराखण्ड राज्य में यथाप्रवृत्त) के नियम-10 (5) में प्राविधान है कि नियुक्ति प्राधिकारी संवर्ग में सम्मिलित किसी पद पर या किसी अन्य समकक्ष या उच्च पद पर स्थानापन्न या अस्थाई रूप में की गयी निरन्तर सेवा को परिवीक्षा अवधि की संगणना करने के प्रयोजनार्थ गिने जाने की अनुमति दे सकता है।

 

2- प्रकरण में नियमावली (उत्तरांचल शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली, 2006 एवं उत्तर प्रदेश शैक्षिक अध्यापन ( अधीनस्थ राजपत्रित) सेवा नियमावली, 1993) के उपरोक्त प्रावधान, उत्तराखण्ड सरकारी सेवा पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली, 2010 एवं संशोधन नियमावली, 2021 के प्रावधान तथा कार्मिक विभाग द्वारा प्रदत्त सहमति के “आलोक में निम्नांकित तालिका के स्तम्भ-2 में अंकित राजकीय हाईस्कूल के निम्नवतः प्रधानाध्यापकों को राजकीय इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवा में शिथिलता निम्नलिखित कॉलम-4 के अनुसार निम्नांकित शर्तो / प्रतिबन्धों के अधीन प्रदान किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते है:

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