जर्जर मोटर मार्ग पर जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे प्रतापनगर के लोग,पुल बनने के ढाई साल बाद भी नहीं सुधरी सड़क की हालत
जर्जर मोटर मार्ग पर जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे प्रतापनगर के लोग,पुल बनने के ढाई साल बाद भी नहीं सुधरी सड़क की हालत
नई टिहरी, मुकेश रतूड़ी, टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले की गाजणा पट्टी के लोगों के आवागमन के लिए सरकार ने डोबरा-चांठी पुल की सुविधा दी है। लेकिन पुल बनने के ढाई साल बाद भी जिला मुख्यालय नई टिहरी से लंबगांव जाने वाला मोटर मार्ग खस्ताहाल बना हुआ है। क्षेत्र की करीब 2 लाख की आबादी जर्जर मार्ग पर यात्रा करने को मजबूर हैं। गत वर्ष सेम-मुखेम मेले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई टिहरी-जाख, जाख-डोबरा और डोबरा-मोटणा-लंबगांव मोटर मार्ग के डबल लेन और हॉटमिक्स डामरीकरण की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई है।
टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर 2005 में झील बनने के बाद जिला मुख्यालय से अलग-थलग पड़ गया था। क्षेत्र के लोग 100 से 150 किमी की दूरी तय कर बाया पीपलडाली और स्यांसू होकर नई टिहरी पहुंचते थे। जिसके बाद बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का सरकार ने निर्माण पूरा कर नवम्बर 2019 में जनता को समर्पित किया था। पुल बनने से लंबगांव से नई टिहरी की दूरी महज 50 किमी रह गई। जिसके बाद लोगों को समय और आर्थिकी की बचत होने लगी। लेकिन नई टिहरी से कुट्ठा-जाख मोटर मार्ग सिंगल लेने और जर्जर हालत में बना हुआ है। यही स्थिति जाख-डोबरा, डोबरा पुल-मोटणा-लंबगांव मार्ग की बनी हुई है। मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढ़े दुर्घटनाओं का न्यौता रहे हैं। सड़क पर कहीं भी पैराफिट और सुरक्षा के उपाय नहीं है। वाहन थोड़ा भी अनियंत्रित हुआ तो सीधा झील में समा जाए। डोबरा-चांठी पुल वर्तमान में पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण केंद्र है। पर्यटक भी जान जोखिम में डालकर यहां पहुंचते हैं। कई बार मार्ग पर झील परिक्षेत्र में वाहन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ब्लॉक प्रमुख प्रदीप रमोला, उदय रावत, मुरारी लाल खंडवाल आदि का कहना है कि सीएम घोषणा में शामिल इस मार्ग का सुदृढ़ीकरण किया जाए।
इनका क्या है कहना-
नई टिहरी से डोबरा और डोबरा से लंबगांव जाने वाले मोटर के सुदृढ़ीकरण और डबल लेने बनाने के लिए डीपीआर बनाई जा रही है। डीपीआर बनाकर शासन को प्रषित की जाएगी। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
दिनेश मोहन गुप्ता, ईई लोनिवि प्रांतीय खंड बौराड़ी।