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मृतक किसानों के परिजनों के लिए जिला सहकारी बैंक ने की ये स्कीम लागू,, जमा करना होगा केवल मूलधन , पढ़िए

मृतक किसानों के परिजनों के लिए जिला सहकारी बैंक ने की ये स्कीम लागू,, जमा करना होगा केवल मूलधन , पढ़िए

नई टिहरी। कई दशकों से सहकारिता विभाग से ऋण लेने के बाद मृतक किसानों के परिजनों के लिए जिला सहकारी बैंक ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) स्कीम लागू की है। इसके तहत उन्हें केवल मूलधन की जमा करना होगा। ब्याज का वहन बैंक और समिति स्वयं के संसाधनों से करेगी। मूलधन जमा करने के बाद ऐसे काश्तकार सहकारिता क चुनाव और बैंक की लाभकारी योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे। टिहरी जिले में ऐसे मृतक काश्तकारों की संख्या 3405 है, जिनमें से 388 लोगों के परिजनों ने ओटीएस के लिए आवेदन किया है।

नई टिहरी में पत्रकार वार्ता करते हुए जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सुभाष चंद रमोला ने बताया कि 3405 ऐसे काश्तकार जिन्होंने बैंक और समितियों के माध्यम से ऋण लिया, लेकिन अब उनकी मृत्यु हो गई है। उन पर बैंक का 5.21 करोड़ का मूल ऋण बकाया है, जबकि 3.19 करोड़ की ब्याज का बकाया है। सरकार ने ऐसे लोगों के परिजनों के लिए ओटीएस स्कीम लागू की है। ब्याज की 3.19 करोड़ की धनराशि माफ कर उन्हें मूलधन ही जमा करना है। ब्याज का वहन 60 प्रतिशत समिति और 40 प्रतिशत डीसीबी अपने संसाधनों से करेगा। उन्होंने पांच साल के कार्यकाल का भी लेखा जोखा रखा। बताया कि 2018 में बैंक की डिपॉजिट 758 करोड़ थी जो 1100 करोड़ हो गई है। इन पांच साल में 591 करोड़ रूपये का ऋण बांटा है। पांच साल में बैंक का शुद्ध लाभ 9 करोड़ पार कर गया है। एनपीए में टिहरी बैंक ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। पहले एनपीए 12 प्रतिशत था, जिसे घटाकर 6 प्रतिशत पर लाया है। टिहरी में एसबीआई के बाद डीसीबी सर्वाधिक लाभ कमाने वाला बैंक बना है। इसके पीछे बोर्ड और बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों की मेहनत शामिल है। होम स्टे, फिशरिंग, सोलर पैनल, एनआरएलएम समेत राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं में 16 करोड़ का ऋण बांटा गया है। वहीं जीरो प्रतिशत ब्याज पर जिले में 44600 काश्तकारों को 268 करोड़ का लोन वितरित किया, जिसमें 345 महिला समूह शामिल हैं। इस मौके पर महाप्रबंधक संजय रावत, उपाध्यक्ष विनोद रावत, निदेशक नरेश नेगी, जयप्रकाश चंद, सतपाल कलूड़ा, टीकाराम, गोविंद सिंह, डीजीएम बलवीर पुंडीर, नारायणी सिंह, संजीव कुमार, यशवंत भंडारी मौजूद थे।

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