उत्तराखंड

बौराड़ी स्टेडियम, बांध विस्थापितों का पुनर्वास, पार्किंग बन सकते हैं चुनावी मुद्दे

मुकेश रतूड़ी :नई टिहरी, जिले की टिहरी विधानसभा में इस बार के चुनाव में भी कई स्थानीय मुद्दे हावी रह सकते हैं। टिहरी बांध प्रभावितों का विस्थापन, नई टिहरी के बौराड़ी स्टेडियम की दुर्दशा, मास्टर प्लॉन शहर में पार्किंग और अवशेष स्थानों पर सीवर लाइन, कृषि मंडी की स्थापना, चंबा और जाखणीधार क्षेत्र में पेयजल समस्या प्रमुख चुनावी मुद्दे बन सकते हैं।

टिहरी विधानसभा जिले की केंद्र बिंदु है। विधानसभा क्षेत्र में दो-दो नगर पालिकाएं, दो ब्लॉक, तीन तहसीलें आती हैं। क्षेत्र में शहरी हिस्सा अधिक होने के कारण यहां पर अधिकांश शिक्षित मतदाता हैं। नई टिहरी और चंबा नगर पालिका के अलावा जाखणीधार और चंबा ब्लॉक, जाखणीधार, टिहरी और गजा तहसील विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। जिला मुख्यालय नई टिहरी और चंबा में सबसे ज्यादा दिक्कत नियमित जलापूर्ति की है। शहर में दो वक्त का पानी नहीं मिलता है। यह मांग लोगों की वर्षों पुरानी है कि सुबह-शाम शहर में जलापूर्ति हो। हालांकि वर्तमान सरकार ने वैकल्पिक जलापूर्ति के लिए नई टिहरी में ट्यूबवेल लगाया है, लेकिन यह नाकाफी है। इसके अलावा चंबा और नई टिहरी में पार्किंग सबसे बड़ा मुद्दा है। चंबा जहां चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव है वहीं नई टिहरी भी जिला मुख्यालय है। दोनों शहरों में पार्किंग की समस्या है। आंकडों के अनुसार बीते एक दशक में इन दोनों शहरों में वाहनों की संख्या तीन गुना तक बढ़ी है। यही हाल सीवरेज सिस्टम का है। नई टिहरी के बौराड़ी, एम. ब्लॉक, मुस्लिम मोहल्ला, ढुंगीधार क्षेत्र अभी भी सीवरेज सिस्टम से नहीं जुड़ा है। कमोबेश चंबा शहर में तो सीवरेज सिस्टम है नहीं। जिला मुख्यालय को बौराड़ी स्टेडियम बदहाली के आंसू रो रहा है। 7 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च होने के बावजूद स्टेडियम का ड्रेनेज सिस्टम तक नहीं बन पाया। इसके अलावा टिहरी बांध प्रभावितों के पुनर्वास, नई टिहरी में एक्स्ट्रा स्पेस, अतिक्रमण और अस्पतालों में बेहतर मेडिकल सुविधा प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं। टिहरी विधानसभा में कुल 83542 मतदाताओं में 43015 पुरुष और 40527 महिला मतदाता हैं।

इनका क्या है कहना-

बौराड़ी स्टेडियम में करोड़ों खर्च होने के बावजूद खेलने लायक तैयार नहीं हो पाया है। यदि स्टेडियम में खेल के अलावा अन्य गतिविधियां बंद हो और व्यवस्था ठीक हों तो युवाओं को नशा सहित अन्य चीजों से दूर कर खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ा सकते हैं।

-असद आलम, क्रिकेट खिलाड़ी।

नई टिहरी में एकमात्र बौराड़ी स्टेडियम बदहाल है। स्टेडियम का समतलीकरण, ड्रेनेज, गेट और ट्रैक बनने चाहिए। ताकि एथलेटिक्स, फुटबाल, वालीबाल जैसी स्पर्धाएं नियिमत हों।

-देवेंद्र राणा, सचिव फुटबाल एसोसिएशन

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