उत्तराखंड

बड़ी खबर : सीएम धामी ने राज्य कर्मचारियों को दि बड़ी खुशखबरी, बैठक में कई मांगों पर बनी सहमति

उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से मांगों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने 10 नवंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित कर दी है। मुख्यमंत्री ने समिति से हुई वार्ता के दौरान राज्य कर्मचारियों के लिए चार प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) की भी घोषणा की। समिति का दावा है कि सोमवार तक डीए का शासनादेश जारी हो जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई वार्ता के दौरान समिति ने 20 सूत्रीय मांगपत्र रखा। सीएम ने सिलसिलेवार मांगें सुनी और समस्याओं के समाधान के लिए अलग-अलग समितियां बनाने के निर्देश दिए। इन समितियों में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बैठक में मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) की अध्यक्षता में वित्त और कार्मिक विभाग के अधिकारियों की समिति बनाकर समिति की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।

बैठक में कई मांगों पर बनी सहमति

1.राज्य  कार्मिकों   के  लिए भारत  सरकार की  तर्ज पर लिये गये डाउन ग्रेडवेतन के अन्यायपूर्ण निर्णय पर पुर्नविचार  करते हुये इसे    तत्काल वापस लिया जाये। इस मांग पर  मुख्यमंत्री ने फैसला लिया कि   राज्य मंत्रीमंडल के  कैबिनेट मंत्री की   अध्यक्षता मे एक समिति   का गठन किया जाएगा,    जो कि इस   सम्बन्ध   में      विभिन्न  परिसंघों  के   साथ  बैठक   कर अपना निष्कर्ष मुख्यमंत्री के  समक्ष प्रस्तुत  करेगी। तद्नुसार अग्रेत्तर निर्णय लिया जाएगा।

2.प्रदेश  के  सभी    राज्य   कार्मिकों  (मिनिस्टीरियल संवर्ग    एवं    वैयक्तिक    सहायक    संवर्ग    सहित)    /  शिक्षकों,            निगम,            निकाय,            विश्वविद्यालय,  महाविद्यालय,  पुलिस  कार्मिकों को  पूर्व की   भांति  10,    16 व 26   वर्ष की सेवा पर पदोन्नति  न   होने  की    दशा   में   पदोन्नति    वेतनमान     अनुमन्य   किया जाए।  जिसे  पर  मुख्यमंत्री  के  अपर  मुख्य  सचिव  की अधय्क्षता में अपर मुख्य सचिव वित्त एवं अपर सचिव कार्मिक को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन  किया  जाएगा।  जो  कि  समन्वय  समिति  के  परिसंघों के  साथ  वार्ता   कर एसीपी  को लेकर की   गई मांग के आधार पर पड़ने  वाले वित्तीय उपासय एवं  पदोन्नित  से  वंचित  रहने  वाले  कार्मिक  संवर्गों  का   आकलन   कर   अधिकतम   2   माह   में   अपनी  आख्या      मुख्यमंत्री      के      समक्ष      प्रस्तुत      करेगी।  तदनुसार अग्रेतर निर्णय लिया जाएगा।

3.राज्य कार्मिकों, निगम, निकाय, परिषद के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड  (SGHS) की   व्यवस्था    के लिए                जारी                शासनादेश                संख्या-1256  1)/XXVVIII   (3)  /  21-04/2008.     T-C,   25 नवंबर  2021  को    स्वास्थ्य  प्राधिकरण से धरातल पर   शत-प्रतिशत   लागू    कराते    हुये   इसमें     उत्पन्न विसंगतियों का शीघ्र निराकरण कराया जाए। तथा सुविधा युक्त उच्चकोटी के अन्य समस्त अस्पतालों को  भी  योजना  में  सूचीबद्ध  करते  हुये  सेवानिवृत्त  कार्मिकों     से   निर्धारित   धनराशि    में    50    प्रतिशत कटौती    कम   की  जाए।   इस  सम्बन्ध  में     समन्वय समिति   को  अवगत कराया गया   कि स्वास्थ्य मंत्री के     निर्देशानुसार     विभिन्न     कार्मिक     परिसंघों     के  पदाधिकरायों      को      सम्मिलित      करते      हुए      एक  समन्वय   समिति  का  गठन  किया   गया  है।  इसकी एक  बैठक   पूर्ण भी हो चुकी  है। दूसरी  बैठक पुनः 10   नवम्बर   को   प्रस्तावित   है।   इस   पर   समन्वय  समिति के पदाधिकारियों द्वारा मांग किए जाने  पर कि  गठित समन्वय  समिति में    निगम कार्मिकों  के  साथ  साथ   सेवा प्रदाताओं (पंजीकृत   अस्पतालों) के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए।  इस मांग   को   स्वीकार   कर   लिया   गया   और   आश्वस्त  किया    गया   कि   इनको   सम्मिलित    करते   हुए    ही  आगामी बैठक की जाएगी।

4.पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था 30 जून 2022 तक ही बढ़ायी गयी  है, जिसे बिना शर्त  के निरन्तर बढ़ाया जाये। इस पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव की अधय्क्षता  में  अपर   मुख्य   सचिव  वित्त    एवं  अपर सचिव कार्मिक को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाएगा।  जो कि अधिकतम एक  माह   न्यूनतम   सेवा   अवधि   निर्धारित   करते  हुए   अपनी आख्या       मुख्यमंत्री      के      समक्ष      प्रस्तुत      करेगी,  तद्नुसार अग्रेत्तर निर्णय लिया जाएगा ।

5.प्रदेश  में पुरानी  पेंशन व्यवस्था   लागू  की  जाये।  विचार विमर्श   उपरांत  मुख्यमंत्री ने पीएफआरडीए के       किसी     विशेषज्ञ     सेवानिवृत्त     अधिकारी     की  अध्यक्षता   में   कमेटी     का    गठन   किए     जाने     एवं तद्नुसार  अग्रेत्तर फैसला  लिए जाने का आश्वासन दिया।

6.मिनिस्टीरियल    संवर्ग    में    कनिष्ठ    सहायक    को  लेवल-4  में  वेतनमान  25500-81100    अनुमन्य किया    जाये     तथा    प्रधान      सहायक    लेवल      -06 वेतनमान        35400-1,12,400          के        पद        को प्रशासनिक         अधिकारी         लेवल-07         वेतनमान  44900-1,42,400 में आमेलन / उच्चीकृत करते हुये      कुल      18$8=26      फीसद      पद      प्रशानिक  अधिकारी के स्वीकृत किये जाये।

7.वैयक्तिक  सहायक संवर्ग में पदोन्नति  के   सोपान बढ़ाते   हुये  स्टाफिंग  पैर्टन  के  अन्तर्गत    ग्रेड   वेतन रू0 4800.00    में वरिष्ठ  वैयक्तिक अधिकारी   का पद सृजित किया जाये। 8.राजकीय वाहन चालकों को    ग्रेड   वेतन   रु०   2400.00   इग्नोर   करते    हुए स्टाफिंग      पैर्टन      के      अन्तर्गत      ग्रेड      वेतन      रू0  4800.00 तक अनुमन्य किया जाये।

9.चतुर्थ वर्गीय   कर्मचारियों  को  भी वाहन  चालकों की  भांति स्टाफिंग पैर्टन वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाये। मांग संख्या 6,7,8 एवं 9 पर अपर     मुख्य   सचिव    मुख्यमंत्री   की   अध्यक्षता    में अपर मुख्य  सचिव वित्त एवं अपर  सचिव  कार्मिक को   सम्मिलित   करते   हुए   एक   समिति   का   गठन  किया  जाएगा   जो   कि   कार्य   के  अनुसार  पदों  की आवश्यकता तथा पदोन्नति के अवसरों को दृष्टिगत रखते   हुए       अपनी   आख्या    मुख्यमंत्री   के    समक्ष प्रस्तुत    करेगी।     तदनुसार     अग्रेतर    निर्णय     लिया जाएगा ।

10.समस्त        अभियन्त्रण       विभागों       में          कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक), संगणक के सेवा प्राविधान एक समान   करते हुए   इस विसंगति   को दूर किया  जाए।   बैठक    में    अवगत    कराया     गया    कि   नाम परिवर्तन    की   सहमति   हो    चुकी   है।   इसमें   अवर अभियंता    के    पदों    पर    शत     प्रतिशत     पदों      पर पदोन्नति के अवसरों को 50 प्रतिशत करते हुए 50 प्रतिशत    पद सीधी   भर्ती से भरे  जाने  की सहमति शासन   द्वारा   दी  गई  है।  अन्य   विभागों  की   भांति  सहायक  अभियंता  के पदों  पर  पदोन्नति का कोटा समान  रुप  से  दिए  जाने    की  मांग  पर   विभाग   से प्रस्ताव  प्रेषित  किए  जाने   पर,  अपर  सचिव  वित्त  द्वारा वित्त विभाग की सहमति प्रदान किए जाने का आस्वासन दिया गया।

11.विभिन्न विभागीय संवर्गों   के वेतन  विसंगति  /  वेतन उच्चीकृत   एवं स्टाफिंग पैर्टन  के प्रकरण जो   शासन  स्तर पर लम्बित  है, उनका   शीघ्र निस्तारण  किया  जाये।   इस  मांग   पर सकारात्मक आश्वासन दिया गया।

12.जिन                  विभागों                   के                  ढ़ाचे                   का पुर्नगठन/एकीकरणका     प्रस्ताव   शासन   स्तर     पर लम्बित    है,  उन   विभागों   के     पूर्व  स्वीकृत  पदों  में कटौती न की जाये, ताकि कार्मिकों के पदोन्नति के अवसर  बाधित  न  हो   ।  आश्वासन   दिया   गया  कि कार्य़ की महत्ता को दृषिटगत रखते हुए ही विभिन्न विभागों में  पदों   में   कटौती न किए जाने   एवं रिक्त पदों पर भर्ती की कार्य़वाही की जाएगी ।

13.राज्य सरकार द्वारा लागू एसीपी/एमएसीपी के अन्तर्गत   जारी   शासनादेश   संख्या-05/XXVVIII (7)/50/(09)/2018, 06.  जनवरी  2022 द्वारा अतिउत्तम    के  स्थान   पर  उत्तम   एवं    05   वर्ष  की  चरित्र         पंजिका         देखने         की          व्यवस्था           को  01.01.2022  से  लागू गया  है,  जिसे पूर्व से लागू किया जाये । माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा  तत्काल वित्त  विभाग को संशोधित शासनादेश निर्गत  किए जाने के निर्देश दिए गए।

14.     जिन   विभागों    में   विभिन्न    सेवा    संवर्गों   की पदोन्नतियां  अभी  तक  लम्बित  है,  उन  विभागों  में  शीघ्र    पदोन्नति    आदेश    जारी      कराने    की    त्वरित कार्यवाही  की  जाये।   कार्मिक  विभाग   को  समस्त  विभागों    को    पुनः    निर्देश      जारी    करने    के    लिए  आदेशित किया गया। मुख्यमंत्री ने  अवगत कराया कि आज ही उनके स्तर पर पदोन्नतियो की समीक्षा की गई है और एक माह के अन्दर  समस्त विभागों में  लम्बित पदोन्नतियों पर   कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी किसी विभाग में पदोन्नति की कार्यवाही लम्बित रहती है, तो संगठन के     पदाधिकारियों     द्वारा     इसकी     सूचना     सचिव  कार्मिक को उपलब्ध कराए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

15.31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले  कार्मिकों को   06  माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक   वेतन  वृद्धि   अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति  का लाभ   प्रदान    किया   जाये।    बैठक   में   अपर   मुख्य सचिव वित्त की सहमति के उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा भी सहमति व्यक्त  की गई । अपर सचिव  वित्त  को तत्काल पत्रावली  प्रस्तुत किए  जाने के निर्देश दिए गए।

16.विभिन्न    परिसंघों      /संघों    द्वारा      स्थानान्तरण अधिनियम-2017      में        उत्पन्न      विसंगतियों        के सम्बन्ध      में       दिये      गये       बिन्दुवार      सुझाव        एवं समस्याओं     का     शीघ्र       निराकरण     किया     जाये।  मुख्यमंत्री ने   अवगत कराया  गया कि सरकार   इस विषय पर  गंभीर है, एवं शीघ्र  ही कार्मिक संगठनो   से  विचार  विमर्श   करने   के   उपरांत    एक   पारदर्शी व्यवस्था अपनाए जाने की कार्य़वाही गतिमान है

17.राज्य     कार्मिकों  की  भांति  निगम   /   निकाय/  विश्व     विद्यालय-महाविद्यालय     कार्मिकों     को     भी  समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाये।

शासन  के अधिकारियों  की सहमति के आधार  पर मुख्यमंत्री द्वारा राज्य कर्मियो के साथ साथ निगमों एवं  महाविद्यालयों  के     कार्मिको   के   लिए  भी  इस  प्रतिबन्ध     के    साथ    शासनादेश    निर्गत   करने    पर सहमति   जताई   गई  कि   सम्बन्धित   निगम  अपनी आर्थिक  स्थिति  के  अनुसार   अपने  निगम  में   उक्त शासनादेश      के     अनुसार      कार्मिकों     को     सुविधा अनुमन्य करेंगे।

18.तदर्थ          रूप         से         नियुक्त          कार्मिकों         की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप  से नियुक्ति  की तिथि से सेवाओं  को जोड़ते  हुये  वेतन / सैलेक्शन ग्रेड    /  एसीपी/   पेंशन   आदि  समस्त   लाभ   प्रदान किया     जाये।      केस     बाई     केस     के     आधार     पर  निराकरण करने का आश्वासन दिया गया ।

19.समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते    /निर्णयों     के   अनुरूप   शीघ्र   शासनादेश जारी कराया जाये। कार्मिक विभाग से   शासनादेश जारी  कर   जिलाधिकारियों/विभागाध्यक्षों   के  स्तर पर  प्रतिमाह एवं  शासन स्तर पर  प्रत्येक  तीन माह में    कार्मिक   संघों    के   साथ    बैठक   किए   जाने   के निर्देश       मुख्यमंत्री       द्वारा       दिए       गए       साथ       ही  पदाधिकारियों की मांग पर  माननीय मुख्यमत्री जी द्वारा   यह भी निर्देशित किया   गया  कि बैठक  किए जाने    अथवा  न  किया  जाने  की  समीक्षा   प्रतिमाह कार्मिक विभाग द्वारा की जाएगी ।

20.वर्तमान में गठित  वेतन  विसंगति समिति  द्वारा शासन  को   सौंपी  गयी   रिर्पाेट  में  कर्मचारी  विरोधी निर्णय/सुझावों को अस्वीकार करते हुये इन्हें   लागू न   किया   जाये।     इस      मांग   पर   भी   सकारात्मक   आश्वासन  दिया गया।   साथ  ही मुख्यमंत्री  ने राज्य कर्मचारियों को केन्द्र की  भांति  4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने की घोषणा भी उक्त बैठक में की।

बैठक   में   शासन    की  ओर   से  अपर  मुख्य  सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव वित्त आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव वन एवं लोकनिर्माण आर के सुधांशु, सचिव कार्मिक शैलेश बगोली, सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार,  अपर सचिव स्वास्थ्य अरुणेन्द्र सिंह चौहान,    अपर    सचिव    वित्त    गंगा    प्रसाद,    अपर  सचिव उमेश नारायण काण्डपाल, समन्वय समिति की ओर से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे, प्रदेश महामंत्री शक्ति  प्रसाद  भट्ट,  डिप्लोमा  इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष एस एस      चौहान,     महामंत्री       मुकेश     रतूड़ी,     पर्वतीय कर्मचारी   शिक्षक   संगठन  के  अध्यक्ष    प्रताप  सिंह पंवार,   महामंत्री  पंचम  सिंह     बिष्ट,   मिनिस्टीरियल फैडरेशन   के   अध्यक्ष   पूर्णानन्द    नौटियाल,    वरिष्ठ उपा   महामंत्री मुकेश  बहुगुणा, इंजीनियरर्स   ड्राइंग संघ     के     अध्यक्ष    न    निगम    अधिकारी     कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुंसाई, महामंत्री बी एस रावत,   चतुर्थ   श्रेणी    महासंघ   के   अध्यक्ष    नाजिम सिद्दकी, महामंत्री हरिकेश सिंह, वैयक्तिक सहायक संघ के महामंत्री कुलदीप रावत  एवं कर्मचारी नेता  राकेश रावत आदि कर्मचारी नेता उपस्थित थे।

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