प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं अस्पतालों की लापरवाही के चलते कल 21 वर्षीय एक युवती ने दम तोड़ दिया। मीडिया रिपोर्टस से मिली जानकारी के अनुसार मामला पिरान कलियर का है। जहां एक युवती की तबीयत खराब होने पर युवती के स्वजन उसे पिरान कलियर से दून तक अलग-अलग अस्पतालों में लेकर भटकते रहे। उसे एक आइसीयू बेड की दरकार थी, पर नहीं मिला। इलाज न मिलने के कारण युवती की सांसे उखड़ गईं।
जानकारी के अनुसार कानपुर निवासी च्योति कलियर अपने रिश्तेदार के यहां आई थी। वह श्वास रोग से पीडि़त थी। सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ होने पर स्वजन उसे कलियर के ही एक अस्पताल में ले गए। जहां उसे आइसीयू की जरूरत बता एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। पर एम्स से भी उसे दून भेज दिया गया।
जिस पर एंबुलेंस उसे दून मेडिकल कालेज अस्पताल लेकर पहुंची। यहां भी कहने के लिए सौ से अधिक आइसीयू बेड हैं, पर स्टाफ पर्याप्त न होने के कारण इनमें अधिकांश का संचालन ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यहां भी मायूसी ही हाथ लगी। इसके बाद स्वजन जिला अस्पताल भी गए पर पता चला वहां आइसीयू की सुविधा ही नहीं है। अंत में थक हारकर वह लौट गए।
बताया गया कि वापस लौटते वक्त युवती ने दम तोड़ दिया। इधर, दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि स्टाफ की कमी है, पर स्थिति इतनी भी बुरी नहीं कि इमरजेंसी केस न लिए जाएं। अच्छी या बुरी, हर परिस्थिति में हमें काम करना होगा।
वैसे भी किसी आपात स्थिति में मरीज को स्टेबल करना चिकित्सक व स्टाफ का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि हर किसी की जिम्मेदारी तय की जाएगी और इस तरह की लापरवाही पर डाक्टर या स्टाफ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।