प्रतापनगर को केंद्रीय ओबीसी में शामिल करना क्षेत्र की प्रमुख समस्या, डोबरा-चांठी पुल निर्माण के बाद भाजपा और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़
नई टिहरी (मुकेश रतूड़ी)। = टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर विधानसभा में इस बार के विधानसभा चुनाव में क्षेत्र को केंद्रीय ओबीसी में शामिल करना, भदूरा और ढुंग-मंदार पट्टी के लिए पंपिग योजना, सीएचीसी लंबगांव, प्रतापनगर और मदननेगी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, नगर पंचायत लंबगांव में पार्किंग और बस अड्डे का निर्माण प्रमुख चुनावी मुद्दा बन सकते हैं। इस बार के चुनाव में पहली बार डोबरा-चांठी पुल का मुद्दा गायब रहेगा। हालांकि पुल निर्माण के श्रेय लिए भाजपा और कांग्रेस में होड़ मची हुई है।
टिहरी जिले की प्रतापनगर विधानसभा राजनीतिक रूप से विशिष्ट स्थान रखती है। टिहरी बांध के कारण क्षेत्र में अनेक समस्याएं बनी हुई थी। जिसमे प्रमुख रूप से सड़क कनेक्टिविटी शामिल है। लेकिन बहुप्रेक्षित डोबरा-चांठी पुल का गत वर्ष नवंबर माह में शुभारंभ होने से क्षेत्र की कनेक्टिविटी की समस्या लगभग हल हो गई है। इस पुल के बनने से प्रतापनगर ही नहीं बल्कि उत्तरकाशी की गाजणा पट्टी को भी फायदा मिलेगा। हालांकि पुल निर्माण का श्रेय भाजपा और कांग्रेस दोनों दल ले रहे हैं। पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी का कहना है कि उनके कार्यकाल में पुल की अंतर्राष्ट्रीय बिड हुई, क्योंकि पुल का डिजाइन फेल हो गया था। जिसके बाद कोरियन इंजीनियरों ने पुल का निर्माण किया। जबकि विधायक विजय पंवार का कहना है कि भाजपा सरकार ने एकमुश्त 90 करोड़ रूपये जारी कर पुल निर्माण की गति पर लगी रोक हटाई और गत वर्ष राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पुल का जनता के लिए लोकार्पित किया गया। प्रतापनगर विधानसभा में अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, क्षेत्र को केंद्रीय ओबीसी में शामि करना, भदूरा पट्टी के एक दजर्न से अधिक गांवों और ढुंग-मंदार पट्टी के लिए पंपिंग योजना, लंबगांव नगर पंचायत में जाम की समस्या से निजात दिलाने पार्किंग, बस अड्डा, साहसिक पर्यटक के रूप में प्रतापनगर को विकसित करना प्रमुख चुनावी मुद्दे बन सकते हैं।
कुल वोटर-85151
महिला वोटर-41933
पुरूष वोटर-43218
मतदेय स्थल-146
इनका क्या है कहना-
हमारी सरकार ने डोबरा-चांठी पुल निर्माण कराया। जिससे क्षेत्र की यातायात समस्या हल हुई। क्षेत्र को केंद्रीय ओबीसी में शामिल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा है। जिसकी फाइल ओबीसी आयोग से राष्ट्रपति कार्यालय तक पहुंच गई है। नई सरकार बनते ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
-विजय सिंह पंवार, भाजपा प्रत्याशी
मैने अपने कार्यकाल में क्षेत्र को ओबीसी में शामिल कराया, जिससे आज सैकड़ों युवाओं को नौकरी मिली है। स्कूल और कॉलेजों में आरक्षण मिल रहा है। लेकिन वर्तमान सरकार ने पांच में केंद्रीय ओबीसी के लिए कोई पैरवी नहीं की। यहां तक कि तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ओणेश्वर महादेव मंदिर में झूठी घोषणा की।
-विक्रम सिंह नेगी, कांग्रेस प्रत्याशी