राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का टीएचडीसी प्रबंधन पर तीखा प्रहार: स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव बंद करने की मांग
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का टीएचडीसी प्रबंधन पर तीखा प्रहार: स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव बंद करने की मांग
*नई टिहरी, 29 मई*— राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने टीएचडीसी प्रबंधन द्वारा स्थानीय लोगों के प्रति किए जा रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने एक स्थानीय होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई गंभीर मुद्दों को उठाया और टीएचडीसी प्रबंधन को आड़े हाथों लिया।
रात्रिकालीन आवाजाही पर प्रतिबंध:
सेमवाल ने कहा कि टिहरी डैम के ऊपर से स्थानीय लोगों को रात के समय गुजरने नहीं दिया जाता, जिससे उन्हें 16 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इससे विशेष रूप से स्वास्थ्य और प्रसव संबंधी समस्याओं के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सेमवाल ने भाखड़ा नांगल बांध का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ 24 घंटे आवाजाही की सुविधा उपलब्ध है, फिर टिहरी डैम में ऐसा क्यों नहीं?
राजस्व का अनुचित वितरण:
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल ने बताया कि टिहरी बांध से मिलने वाले 1000 करोड़ रुपए के वार्षिक राजस्व का उत्तर प्रदेश को दिया जाना उत्तराखंड के साथ अन्याय है। उन्होंने मांग की कि टिहरी बांध का मालिकाना हक उत्तर प्रदेश से वापस लेकर उत्तराखंड को दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
विस्थापन की अनदेखी
पार्टी के गढ़वाल प्रभारी प्रमोद डोभाल ने नाराजगी व्यक्त की कि भूस्खलन के शिकार 17 गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीणों को भूमि के बदले भूमि आवंटित की जाए और विस्थापन की प्रक्रिया को तत्काल शुरू किया जाए।
स्थानीय रोजगार की मांग
पार्टी के जितेंद्र थपलियाल ने कहा कि टिहरी बांध से जुड़े सभी रोजगार के अवसरों को स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से दिया जाना चाहिए। चाहे वह सिल्ट हटाने का काम हो, वोटिंग का मसला हो या मछली पकड़ने का काम हो, सभी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
श्मशान घाट की समस्या:
टिहरी जिला अध्यक्ष विशन कंडारी ने बताया कि 42 वर्ग किलोमीटर में फैली टिहरी झील के किनारे कोई स्थाई श्मशान घाट नहीं है, जिससे जल स्तर के ऊपर-नीचे होने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस समस्या के प्राथमिकता से समाधान की मांग की।
सीएसआर फंड का दुरुपयोग:
विशन कंडारी ने कहा कि सीएसआर फंड का आवंटन राजनीतिक प्रभावशाली लोगों के इशारे पर किया जाता है, जबकि टिहरी और उत्तरकाशी जिलों को न्यूनतम सहायता मिलती है। उन्होंने ‘सेवा’ कार्यालय को ऋषिकेश से हटाकर नई टिहरी में स्थानांतरित करने की मांग की, ताकि स्थानीय लोग इस कार्यालय से योजनाओं का लाभ ले सकें।
*स्थानीय युवाओं की नियुक्ति:*
पार्टी ने टीएचडीसी के कार्यालयों में चौथी श्रेणी और सुरक्षा गार्ड के पदों पर उत्तराखंड के बाहर के लोगों की नियुक्ति पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की। पार्टी ने मांग की कि इन पदों पर उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दी जाए।
चेतावनी:
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उपरोक्त समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण नहीं किया गया, तो टिहरी जिले के लोग व्यापक जन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। पार्टी ने टिहरी डैम प्रबंधन और उत्तराखंड सरकार से तत्काल कार्यवाही की मांग की है, ताकि स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा हो सके।