युवा बोले नवाचार की भाषा: श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में गूंजा आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का संकल्प
युवा बोले नवाचार की भाषा: श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में गूंजा आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का संकल्प

उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के रजत जयंती समारोह के अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश परिसर में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के तत्वावधान में राज्य स्तरीय आशुभाषण (Extempore Debate) प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में राज्यभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से आए प्रतिभावान विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपने प्रभावशाली विचार, वाक्पटुता और आत्मविश्वास से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. देवेंद्र भसीन, उपाध्यक्ष, उच्च शिक्षा उन्नयन समिति द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की उत्तराखण्ड की रजत जयंती सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि राज्य की आत्मनिर्भरता और युवाशक्ति की उपलब्धियों का प्रतीक है। शिक्षा तभी सार्थक है, जब वह विचार को कर्म से जोड़े और युवाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित करे।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के माध्यम से उच्च शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, रोजगारपरक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा रहा है, ताकि युवा केवल ज्ञान अर्जित न करें, बल्कि नवाचार के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के सशक्त वाहक बनें।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा की देवभूमि उत्तराखण्ड त्याग, परिश्रम और श्रद्धा की भूमि है। यह दिन हमारे स्वाभिमान, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है। राज्य की स्थापना हजारों माताओं, बहनों और युवाओं के त्याग का परिणाम है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखण्ड ने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। एम्स ऋषिकेश, चारधाम ऑल वेदर रोड, और ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेललाइन जैसी परियोजनाएँ राज्य के उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक हैं।
कुलपति ने कहा की उत्तराखण्ड केवल एक राज्य नहीं, बल्कि एक भावना, एक संस्कार और एक संघर्ष का प्रतीक है। आइए, शिक्षा, संस्कृति और नवाचार के माध्यम से एक आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करें।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि राज्य की असली ताकत उसका युवा वर्ग है। जब युवाओं की ऊर्जा, ज्ञान और अनुशासन एक दिशा में प्रवाहित होते हैं, तो विकास के नए आयाम खुलते हैं।
उन्होंने आशुभाषण प्रतियोगिताओं को युवाओं में आत्मविश्वास, वक्तृत्व कला और सकारात्मक सोच विकसित करने का प्रभावी मंच बताया।
प्रतियोगिता में Law College Dehradun, Uttaranchal University ने प्रथम स्थान, DBS Global University, Dehradun ने द्वितीय स्थान और D.S.B. Campus, Kumaun University, Nainital ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को क्रमशः ₹21,000, ₹15,000 और ₹11,000 की नकद पुरस्कार राशि एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की पत्रिका “प्रेरणा” का विमोचन भी किया गया। आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा, परिसर निदेशक प्रो. महाबीर सिंह रावत, नोडल अधिकारी डॉ. हेमलता मिश्रा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।



