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उत्तराखंड में दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल, बनी तो सिर्फ 1 घंटे में पहुंचेंगे देहरादून से टिहरी

एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक टिहरी बांध के बाद अब टिहरी ज़िला एक और रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. ये रिकॉर्ड होगा 30 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड डबल लेन मोटर टनल का. केंद्र सरकार की एजेंसी NHAI ने प्रस्तावित इस सुरंग के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानी DPR बनाने के लिए बाकायदा टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. अगर यह प्रोजेक्ट कामयाब हो जाता है तो देहरादून से टिहरी के बीच 30 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल एशिया ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे लंबी ऐसी सुरंग होगी क्योंकि फिलहाल नॉर्वे में 24.5 किलोमीटर की लाएर्डल टनल दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल है.

 

डीपीआर के लिए टेंडर संबंधी जानकारी ट्विटर पर देकर NHAI ने कहा कि ये टनल राजमार्ग पर बनने वाली दुनिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक होगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान इस टनल बनाने का आग्रह किया था, जिसे केंद्र ने हरी झंडी देते हुए NHAI को इसका ज़िम्मा सौंप दिया. धामी ने अब इस प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और अमित शाह का आभार जताया है. धामी ने कहा कि उत्तराखंड को 2025 तक देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में ये मोटर टनल एक माइल स्टोन का काम करेगी.

 

इस सुरंग से बदलेगी यात्रा की परिभाषा

* देहरादून से टिहरी के लिए प्रस्तावित टनल राजपुर रोड से टिहरी झील से लगे एरिया कोटी कॉलोनी तक बनेगी.

* इस टनल के बनने से दून से टिहरी तक का सफर अधिकतम एक घंटे में तय किया जा सकेगा, जो अभी करीब साढ़े तीन घंटे का है.

* टिहरी और देहरादून की बीच की दूरी 105 किलोमीटर से घटकर 25 किलोमीटर रह जाएगी.

* दिल्ली से टिहरी तक पहुंचने में 3 से 4 घंटे लगेंगे, जो अभी 7 से 8 का सफर है.

* इस सुरंग के दोनों तरफ 7 से 10 किलोमीटर की एप्रोच रोड भी प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी.

* टिहरी झील में वॉटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर टूरिज़्म को नई पहचान दिलाने के लिए कनेक्टिविटी के लिहाज़ से सुरंग महत्पपूर्ण होगी.

 

1200 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट जारी है

टिहरी में विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं के लिए लगातार काम हो रहा है. टिहरी झील के चारों ओर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार मेगा प्रोजेक्ट के तहत 1200 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इसके तहत झील के चारों ओर रेस्टोरेंट, होटल बनाए जा रहे हैं. झील में नए बोटिंग प्वाइंट डेवलप किए जा रहे हैं और यहां पर्यटकों के लिए सी प्लेन और एडवेंचर स्पोर्ट्स के कई आकर्षण लाए जा रहे हैं.

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