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दो माह के भीतर ही रोपवे संचालन में तकनीकी खामी से उठने लगे सवाल एक मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था सुरकंडा देवी रोपवे का लोकार्पण तकनीकी रिपोर्ट आने तक रोपवे संचालन बंद

दो माह के भीतर ही रोपवे संचालन में तकनीकी खामी से उठने लगे सवाल एक मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था सुरकंडा देवी रोपवे का लोकार्पण तकनीकी रिपोर्ट आने तक रोपवे संचालन बंद

नई टिहरी , (मुकेश रतूड़ी) सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने पीपीपी मोड पर करीब 25 करोड़ रूपये की लागत से रोपवे बनाया था। जिसका बीते 1 मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम पंवार ने लोकार्पण किया था।

सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए पहले श्रद्धालुओं को डेढ़ किमी की चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी। जिस कारण बुजुर्ग, दिव्यांग और शरीरिक रूप से असशक्त श्रद्धालु माता के दर्शन नहीं कर पाता थे। लेकिन रोपवे बनने के बाद से सुरकंडा देवी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में तीन से चार गुना तक बढ़ोत्तरी हो गई। जिस कारण यहां का पर्यटन भी बढ़ने लगा है। बावजूद इसके रविवार को रोपवे में तकनीकी कमी के कारण विधायक किशोर उपाध्याय सहित 60 से अधिक लोग ट्रालियों में फंस गए। बता दें कि राज्य बनने के बाद प्रदेश सरकार का यह सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट है। करीब दो माह के संचालन के दौरान यह सबसे बड़ी तकनीकी दिक्कत आई है। जिससे लोगों में रोपवे की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। संचालनकर्ता कंपनी रोपवे के लिए एक यात्री से आवागमन का 177 रुपये किराया लेती है। जिसमें से सरकार को भी राजस्व मिलता है। जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी का कहना है कि रोपवे का संचालन सेफ्टी प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है। बाकायदा इसके लिए ब्रिडकुल के सेफ्टी इंस्पेक्टर अनुमति देते हैं। ब्रिडकुल की निगरानी में परियोजना चलाई जा रही है। दो माह तक रोपवे के संचालन में कोई दिक्कत नहीं है। अलबत्ता रविवार को हुई घटना की रिपोर्ट संचालनकर्ता कंपनी से मांगी गई है। एसडीएम धनोल्टी ने तकनीकी रिपोर्ट तक रोपवे संचालन को बंद कर दिया है।

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