बड़ी खबर : उत्तराखंड सरकार का सख्त फरमान, सख्त सरकारी फरमान से डरे उत्तराखंड के लोग
उत्तराखंड सरकार ने अपात्र लोगों को राशन कार्ड जमा करने का फरमान जारी किया है। सरकार से चेतावनी भरे फरमान के बाद प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे यानी ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा’ के तहत सफेद राशन कार्ड सरेंडर कराने वालों का तांता लगा है। आलम ये है कि मुकदमे और वसूली के डर से रोजाना सुबह से ही जिला आपूर्ति कार्यालय और ब्लॉक स्तर के दफ्तरों में राशन कार्ड सरेंडर करने वाले लोग अपने सारे काम छोड़ लाइनों में खड़े हैं।
उत्तराखंड सरकार ने जारी किया फ़रमान
बता दें कि सरकार की ओर से जारी फरमान के अनुसार, मुफ्त और सस्ते राशन डकराने वाले और जो लोग गरीबी रेखा मानकों वाले पात्रता से बाहर हैं, उनको 31 मई तक अपने राशन कार्ड सरेंडर करने की हिदायत दी गई थी। हालांकि, सरकार ने राहत देते हुए राशन कार्ड सरेंडर करने की तिथि बढ़ाकर 30 जून कर दी है। ऐसे में कानूनी कार्रवाई और वसूली के डर से रोजाना लोग अपना राशन कार्ड जमा करा रहे हैं। इन दिनों जिला आपूर्ति कार्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक राशन कार्ड सरेंडर कराने के लिए लोगों की भीड़ जुटी है।
अब तक जमा किए जा चुके 1,701 एपीएल यानी पीले कार्ड
देहरादून जिला की बात करें तो यहां पिछले एक महीने में अब तक 7,180 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा वाले सफेद कार्ड सरेंडर किए जा चुके हैं। जबकि, 1,701 एपीएल यानी पीले कार्ड जमा किए जा चुके हैं। देहरादून खाद्य आपूर्ति कार्यालय में अलग-अलग क्षेत्रों के काउंटर बनाए गए हैं। जहां सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक पात्रता से बाहर वाले लोग एक आवेदन फॉर्म में औपचारिकताएं भर अपना कार्ड जमा कर सकते हैं।
देहरादून जिला आपूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी के मुताबिक, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के सफेद कार्ड बनाए गए थे। 2022 तक इस श्रेणी में आने वाले काफी संख्या में लोगों के आय साधन अलग-अलग माध्यमों से बढ़ चुके हैं। ऐसे में पात्रता से बाहर आने वाले कार्ड धारकों को पूर्व में कई बार नोटिस जारी हुए थे, लेकिन कार्ड जमा नहीं कराए गए। जिसके कारण पात्रता के दायरे में आने वाले लोगों के सफेद कार्ड (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा) वाले कार्ड नहीं बन सके हैं।
अपात्र को ना, पात्र को हां’ मुहिम के तहत जैसे ही राशन कार्ड सरेंडर
हालांकि, अब शासन का सख्त कानूनी आदेश जारी होने के बाद लोग सफेद कार्ड खुद ब खुद संबंधित दफ्तरों में सरेंडर कर रहे हैं। डीएसओ कंडारी के मुताबिक, ‘अपात्र को ना, पात्र को हां’ मुहिम के तहत जैसे ही राशन कार्ड सरेंडर हो रहे हैं। उसके तत्काल बाद ही संबंधित कार्ड धारक का राशन बंद कर दिया जा रहा है।
पीला कार्ड जमा करना आवश्यक
वहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड के अतिरिक्त जो लोग गरीबी रेखा से नीचे अंत्योदय कार्ड से मुफ्त और सस्ता राशन पा रहे थे। अगर उनकी भी आय में बढ़ोत्तरी हुई है तो उनको भी अपना कार्ड सरेंडर करना अनिवार्य है। वहीं, राज्य खाद्य सुरक्षा APL (पीला कार्ड) के तहत जिन लोगों की वार्षिक आय 5 लाख से अधिक है, उनको भी पीला कार्ड जमा करना आवश्यक है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड के मानक
मासिक 15,000 से अधिक आय न हो।
आयकर दाता न हो।
चौपहिया वाहन न हो।
परिवार में कोई सरकारी सेवा में न हो।
100 गज के प्लॉट में घर न हो।
राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (APL) के मानक
वार्षिक आय 5 लाख से अधिक न हो।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (सफेद कार्ड) धारकों की संख्या और राशन
उत्तराखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (सफेद कार्ड) धारकों की संख्या- 12,25,057
देहरादून जिले में सफेद कार्ड धारकों की संख्या- 2,20,352
प्रतिमाह प्रति यूनिट 5 किलो राशन
तीन रुपए की दर से 3 किलो चावल
दो रुपए प्रति दर से 2 किलो गेहूं
अंत्योदय (गुलाबी कार्ड) धारकों की संख्या और राशन
उत्तराखंड में अंत्योदय योजना (गुलाबी कार्ड) धारकों की संख्या- 1,83,872
देहरादून जिले में गुलाबी कार्ड धारकों की संख्या- 15,172
प्रति माह 35 किलो राशन
तीन रुपए की दर से 22 किलो चावल
दो रुपए प्रति दर से 13 किलो गेंहू
राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (पीला कार्ड) धारकों की संख्या और राशन
उत्तराखंड में राज्य खाद्य सुरक्षा योजना APL (पीला कार्ड) धारकों की संख्या- 9,95,112
प्रतिमाह साढ़े 7 किलो राशन
8.75 पैसे की दर से 5 किलो गेहूं
11 रुपए की दर से ढाई किलो चावल