
नई टिहरी, मुकेश रतूड़ी, मंगलवार सायं को आए भयंकर आंधी-तूफान से कोटी कालोनी स्थित टिहरी बांध की झील में कई बोट क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके चलते बुधवार को बोटिंग स्थल पर जलक्रीड़ा गतिविधियां ठप रहीं। बोटिंग संचालित न होने से यात्रियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। बोट यूनियन के सदस्यों ने सरकार और प्रशासन से बोटिंग स्थल की जेटी और क्षतिग्रस्त बोटों का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) से प्रत्येक बोट की एवज में सालाना लिए जाने वाले 60 हजार के शुल्क से बोटिंग स्थल पर आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।
बता दें कि मंगलवार सायं को आंधी-तूफान से कोटी कालोनी झील में 105 बोट आपस में टकरा गई थी। यही नहीं तूफान के कारण आई लहरों से झील का पानी 30 से अधिक बोट के इंजन में घुस गया था। जिससे बोट संचालकों को काफी नुकसान हो गया। बुधवार को बोटिंग स्थल पर कोई भी बोट संचालित नहीं हुई। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए पर्यटकों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। श्री गंगा भागीरथी बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप पंवार ने बताया कि अधिकांश नाव क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई के इंजन भी खराब हो गए। जिससे उन्हें लाखों की चपत लग गई है। उन्होंने शासन-प्रशासन और टाडा से मुआवजे की मांग की है। कहा कि टाडा ने क्षमता से अधिक लाइसेंस निर्गत किए हैं। जिससे इस बार बोट संचालकों को काफी नुकसान पहुंचा है। बोटिंग स्थल पर जेटी की भी कमी बनी हुई है। अच्छा होता कि नए बोटिंग प्वाइंट विकसित किए जाते। कहा कि बोट संचालकों ने क्षतिग्रस्त बोटों की मरम्मत के लिए मैकेनिक मंगाए हैं। इससे बोटिंग गतिविधियां सामान्य होने में समय लग सकता है। इस बाबत टाडा के विपणन अधिकारी नवीन नेगी ने बताया कि बुधवार को झील में फंसी जेटी, बोट आदि को निकाल कर नुकसान का आकलन किया गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। वीरवार (आज) से बोटिंग गतिविधियां अनवरत संचालित की जाएंगी।