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उत्तराखंड पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ा, ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत तक नए सिरे से जिम्मेदारी तय

उत्तराखंड पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ा, ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत तक नए सिरे से जिम्मेदारी तय

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की पंचायतों में प्रशासकों के कार्यकाल को 31 जुलाई 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। पंचायतों में आगामी चुनावों की प्रक्रिया में देरी के चलते यह निर्णय लिया गया है ताकि स्थानीय प्रशासन का कार्य बाधित न हो।

सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत तक प्रशासकों की नई तैनाती इस प्रकार की गई है:

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ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे।

क्षेत्र पंचायतों (ब्लॉक स्तर) में एडीएम (उप जिलाधिकारी) को प्रशासक नियुक्त किया गया है।

जिला पंचायतों में जिलाधिकारी (डीएम) ही प्रशासक की भूमिका में कार्य करेंगे।

क्यों बढ़ाना पड़ा कार्यकाल?

प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है। ऐसे में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद शासन ने अंतरिम व्यवस्था के तहत प्रशासकों के कार्यकाल को 31 जुलाई तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे पंचायत स्तर पर चल रहे विकास कार्य और जनसेवा से जुड़े कार्यक्रम प्रभावित नहीं होंगे।

स्थानीय प्रशासन को सतर्कता बरतने के निर्देश

सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस अंतरिम अवधि में पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जाए। साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।

आगे क्या?

सूत्रों के अनुसार, सरकार की कोशिश है कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर नई पंचायतों का गठन समयबद्ध तरीके से किया जाए। तब तक के लिए प्रशासकों के नेतृत्व में पंचायतों का प्रशासनिक संचालन जारी रहेगा।

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