प्रतापनगर : खेत गांव में नरसिंह देवता मूर्ति ढोलक प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन कल से,आप भी ले आशीर्वाद
प्रतापनगर : खेत गांव में नरसिंह देवता मूर्ति ढोलक प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन कल से,आप भी ले आशीर्वाद

टिहरी जिले के प्रतापनगर तहसील के ग्राम पंचायत खेत गांव में कल 5 सितंबर से एक ऐतिहासिक और धार्मिक महोत्सव का शुभारंभ होने जा रहा है। इस अवसर पर नरसिंह देवता की मूर्ति ढोलक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जा रहा है, जो पांच दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के साथ सम्पन्न होगा।
कलश यात्रा से होगा शुभारंभ
महोत्सव की शुरुआत 5 सितंबर को सुबह 9:00 बजे भव्य कलश यात्रा के साथ की जाएगी। गांव के हर कोने से श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा में सम्मिलित होंगे, जो पूरे गांव में उत्साह और आस्था का माहौल बनाएगी।
नरसिंह देवता की गंगोत्री धाम यात्रा
7 सितंबर 2024 को नरसिंह देवता की मूर्ति ग्राम पंचायत खेत गांव से गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी। इस यात्रा में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या भागीदारी करेगी। 8 सितंबर को देवता गंगोत्री धाम से गंगा स्नान के बाद दोपहर 12:00 बजे तक अपने मूल स्थान, ग्राम पंचायत खेत गांव में पधारेंगे।
रात्रि को थौले का कार्यक्रम और चांदी का ढोल
इस महोत्सव की खासियत यह होगी कि प्रतिदिन सुबह और शाम को विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होगा। रात्रि में गांव की पारंपरिक संस्कृति को जीवंत करने के लिए थौले का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर ग्राम पंचायत द्वारा 7.445 किलोग्राम चांदी का ढोल भी बनाया गया है, जो इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा।
मुख्य पुजारी और जजमान
इस आयोजन में मुख्य पुजारी की भूमिका में पंडित सुदीप भट्ट और सीताराम प्रसाद भट्ट होंगे। वहीं, मुख्य जजमान के रूप में शिव सिंह राणा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अषड़ी देवी रहेंगे। नरसिंह देवता के मुख्य औतरिय श्री अब्बल सिंह राणा होंगे, जो इस अनुष्ठान को पूर्ण विधि-विधान के साथ सम्पन्न करेंगे।
ग्रामवासियों से अपील
ग्राम प्रधान श्रीमती मधु देवी रावत और क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती अनीता देवी ने इस धार्मिक महोत्सव को लेकर सभी ग्रामवासियों से अपील की है कि जो लोग गांव से बाहर अपनी रोजी-रोटी के लिए गए हैं, वे इस पवित्र अवसर पर अपने गांव वापस आएं और नरसिंह देवता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
यह महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि गांव के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को भी समृद्ध करेगा। सभी ग्रामवासी इस महायज्ञ में सम्मिलित होकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करेंगे।