टिहरी : विश्व पर्यावरण दिवस पर विश्वविद्यालय ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
टिहरी : विश्व पर्यावरण दिवस पर विश्वविद्यालय ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
बादशाहीथौल, 05 जून – विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय मुख्यालय बादशाहीथौल में आज एक भव्य पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने किया, जिसमें विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
प्रकृति के संरक्षण का संकल्प
इस मौके पर प्रो. एन.के. जोशी ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि विगत दो महीनों से पहाड़ी क्षेत्रों में वनाग्नि के कारण भारी नुकसान हुआ है। प्रो. जोशी ने सभी नागरिकों से अपील की कि इस नुकसान की भरपाई के लिए कम से कम दो पौधे अवश्य लगाएं।
पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पण
प्रो. जोशी ने पौधारोपण की तकनीकों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी और कहा कि बढ़ते तापमान और गर्मी के कारण पर्यावरण दिवस का महत्व और भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिल सके। अगर हम पृथ्वी को सुरक्षित रखेंगे, तो ही हमारा जीवन संभव है।”
सफाई और जागरूकता
पौधारोपण के साथ-साथ विश्वविद्यालय परिसर में साफ-सफाई का कार्य भी किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव खेमराज भट्ट, मुख्य वित्त अधिकारी बालकराम बासवान, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. हेमन्त बिष्ट, डॉ. बी.एल.आर्य, सहायक कुलसचिव विजय सिंह, प्रमोद बैंजवाल, प्र. निजी सचिव कुलपति वरूण डोभाल, कुलदीप सिंह, जितेन्द्र रावत, विनोद पाण्डे, राहुल सजवाण, मनोज, कुशला उनियाल, घनश्याम पाण्डे सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रयास
प्रो. जोशी ने कहा, “हम पृथ्वी को सुरक्षित रखेंगे तो ही हमारा जीवन संभव है क्योंकि पृथ्वी के अस्तित्व के कारण ही पेड़ पौधों का अस्तित्व है। अगर धरती पर वातावरण मनुष्य के अनुकूल नहीं रहेगा तो मनुष्य का पृथ्वी पर रहना मुश्किल हो जाएगा।”
इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने विभिन्न प्रकार के पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बताया और सभी को इस दिशा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
समापन
इस पौधारोपण कार्यक्रम ने न केवल विश्वविद्यालय परिसर को हरियाली से भर दिया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को जागरूक और प्रेरित भी किया। विश्वविद्यालय का यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सकारात्मक संदेश है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।