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टिहरी: नई टिहरी की आंतरिक सड़कें बनी बदहाल, PWD और नगर पालिका में जिम्मेदारी को लेकर खींचतान

टिहरी: नई टिहरी की आंतरिक सड़कें बनी बदहाल, PWD और नगर पालिका में जिम्मेदारी को लेकर खींचतान

नईटिहरी। टिहरी शहर के हनुमान चौक से स्कूल तक जाने वाली सड़क इन दिनों गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। सड़क की सतह पूरी तरह टूट चुकी है, जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और उखड़ा डामर इसे चलने लायक नहीं छोड़ता। यह वही मार्ग है जिससे रोजाना सैकड़ों स्कूली बच्चे, स्थानीय नागरिक, जनप्रतिनिधि और अधिकारी गुजरते हैं इतना ही नहीं इसी सड़क पर स्थानीय विधायक का आवास भी है। मगर सड़क की हालत देखने वाला कोई नहीं।

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स्थानीय लोगों ने बताया कि कई दुपहिया वाहन चालक पहले ही इन गड्ढों की वजह से गिरकर घायल हो चुके हैं। बावजूद इसके अब तक सड़क की मरम्मत को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई।

आंतरिक सड़कों की हालत भी बेहाल

हनुमान चौक ही नहीं, बल्कि कृष्णा चौक से 5-ए कॉलोनी जाने वाली सड़क, गणेश चौक से लोक निर्माण विभाग कार्यालय तक जाने वाला मार्ग सहित शहर की लगभग कई आंतरिक सड़कें जर्जर हैं। नागरिकों का कहना है कि कहीं-कहीं तो यह तक पहचानना मुश्किल हो गया है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क।

“गड्ढा मुक्त” अभियान सिर्फ कागजों तक?

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को “गड्ढा मुक्त” बनाने की बात कही थी, लेकिन टिहरी में ज़मीनी हालात इससे उलट हैं। जनता का आरोप है की विभाग और स्थानीय निकाय सिर्फ बयानबाजी में व्यस्त हैं।

क्या बोले पालिका अध्यक्ष और PWD अधिकारी?

नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत का कहना है की दिशा समिति की बैठक में इन सड़कों को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने की सहमति सांसद और जिलाधिकारी ने दी थी। उन्होंने कहा कि पालिका की ओर से पीडब्ल्यूडी के माध्यम से 10 करोड़ रुपये की डीपीआर शासन को भेजी गई है। और इस संबंध में स्थानीय विधायक से भी बात की जा रही है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू होगा।

दूसरी ओर, PWD के अधिशासी अभियंता योगेश कुमार का कहना है की शहर की 18 किलोमीटर आंतरिक सड़कें नगर पालिका के अधीन हैं और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी पालिका की है। हमारे पास जो 9 किलोमीटर सड़कें हैं, उन्हें हमने मई में ही गड्ढा मुक्त कर दिया है। जिन सड़कों को हस्तांतरित करने की बात हो रही है, उस पर हमें अभी कोई उच्च अधिकारियों  के दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

जनता के मन में सवाल

जब दोनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं, तो अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा? यह सवाल अब हर स्थानीय नागरिक की जुबान पर है।

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