टिहरी : पिलखी अस्पताल में फिर लापरवाही! प्रसव के 24 घंटे बाद महिला की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, धरना प्रदर्शन शुरू
टिहरी : पिलखी अस्पताल में फिर लापरवाही! प्रसव के 24 घंटे बाद महिला की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, धरना प्रदर्शन शुरू

डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर सवाल, परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप — पूर्व विधायक ने दी धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
भिलंगना (टिहरी): विकासखंड भिलंगना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी से एक बार फिर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बासर पट्टी के सेम गांव निवासी रवीना कठैत (22 वर्ष) पत्नी कुलदीप सिंह कठैत की प्रसव के 24 घंटे बाद मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, रवीना ने बुधवार को पिलखी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। प्रसव सामान्य बताया गया था, लेकिन गुरुवार सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। स्थिति नाजुक होती देख अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
इससे पहले भी पिलखी अस्पताल में अनीशा रावत नामक महिला की मौत प्रसव के बाद रेफर किए जाने के दौरान हुई थी। लगातार दो मौतों से ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति गहरा आक्रोश है।
परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
रवीना के परिजनों के अनुसार, गुरुवार रात को रवीना को अचानक तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी। उन्होंने अस्पताल कर्मियों को सूचना दी, लेकिन उस समय डॉक्टर मौजूद नहीं थे, केवल वार्ड बॉय तैनात था। डॉक्टरों की अनुपस्थिति में रवीना की हालत लगातार बिगड़ती चली गई।
सीएमओ की सफाई
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्याम विजय ने बताया कि रवीना का पहले हृदय संबंधी ऑपरेशन हुआ था, जिसकी जानकारी परिजनों ने समय पर डॉक्टरों को नहीं दी। उन्होंने कहा कि प्रसव सामान्य रहा था और जब मरीज को सांस लेने में परेशानी हुई तो सभी आवश्यक चिकित्सकीय उपचार दिए गए। बाद में उन्हें 108 एंबुलेंस से ऑक्सीजन सपोर्ट पर श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
स्थानीयों में रोष, स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिलखी अस्पताल में रात के समय डॉक्टरों की अनुपस्थिति आम बात है। कई बार केवल वार्ड बॉय के सहारे अस्पताल चलाया जाता है, जिससे मरीजों की जान जोखिम में रहती है। रवीना की मौत ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और संसाधनों की कमी को उजागर कर दिया है।
पूर्व विधायक की चेतावनी
पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने कहा कि यह लगातार दूसरी घटना है, जहां बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक बहन की जान गई। उन्होंने कहा कि यदि सरकार घनसाली में हाईटेक मेडिकल सेंटर नहीं खोल सकती, तो कम से कम बेलेश्वर और पिलखी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए।
आर्य ने यह भी मांग की कि घनसाली में एक उपजिलाचिकित्सालय बनाया जाए, क्योंकि यह क्षेत्र चारधाम यात्रा, तीर्थाटन और प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अति संवेदनशील है।
इस बीच, सीएचसी पिलखी में जनप्रतिनिधियों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।



