टिहरी : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: 1.54 लाख बच्चों को दी जाएगी दवा, तैयारी बैठक संपन्न
टिहरी : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: 1.54 लाख बच्चों को दी जाएगी दवा, तैयारी बैठक संपन्न
आगामी 10 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जनपद के 1 लाख 54 हजार 423 बच्चों और किशोरों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम की तैयारी के तहत गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) डॉ. अभिषेक त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में सीडीओ डॉ. त्रिपाठी ने निर्देश दिए कि स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी बच्चा या किशोर दवा लेने से वंचित न रहे। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को भी ट्रैक कर दवा खिलाई जाए। सभी एमओआईसी (मेडिकल ऑफिसर्स इन चार्ज) को ब्लॉक स्तर पर दवा खिलाने से संबंधित ट्रेनिंग देने और प्रचार-प्रसार की गतिविधियों को तेज करने के निर्देश दिए गए।
सभी बच्चों तक पहुंचे दवा: स्वास्थ्य विभाग का निर्देश
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्याम विजय ने बताया कि 1 साल से 19 साल तक के सभी बच्चों और किशोरों को यह दवा दी जाएगी, जिससे उन्हें कृमि संक्रमण से बचाया जा सके। जो बच्चे किसी कारणवश 10 सितंबर को दवा नहीं ले पाएंगे, उन्हें 18 और 19 सितंबर को दोबारा मौका दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग भी जुटा तैयारियों में
बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि स्कूलों में प्रार्थना सभाओं के माध्यम से बच्चों को इस कार्यक्रम के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि वे अपने घरों तक भी यह संदेश पहुंचा सकें। इसके साथ ही मीडिया और रेडियो के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ सकें।
अधिकारी और कर्मचारी जुटे तैयारियों में
इस बैठक में एसीएमओ डॉ. एल.डी. सेमवाल, डीईओ बेसिक वी. के. ढौंडियाल सहित स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, बाल विकास और नगर पालिका के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी विभागों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आपसी समन्वय पर जोर दिया।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का महत्व
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाना और उनके स्वास्थ्य में सुधार करना है। अल्बेंडाजोल की यह दवा बच्चों को कृमियों से होने वाली बीमारियों से बचाने के साथ-साथ उनके पोषण और शिक्षा में भी सुधार लाती है।