टिहरी : नौकरी छोड़कर गांव में की खेती, स्वरोजगार के क्षेत्र में बनाई एक नई पहचान, जानिए नरेश सजवाण की कहानी
टिहरी : नौकरी छोड़कर गांव में की खेती, स्वरोजगार के क्षेत्र में बनाई एक नई पहचान, जानिए नरेश सजवाण की कहानी

टिहरी, जहां एक ओर आज के युवा नौकरी की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जौनपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत थापला सूरीधार निवासी नरेश सजवाण ने मिसाल कायम की है। नरेश ने डीआरडीओ मसूरी की संविदा नौकरी छोड़कर अपने गांव में एकीकृत खेती का मार्ग चुना और स्वरोजगार के क्षेत्र में अपनी एक नई पहचान बनाई।
**स्वरोजगार की ओर पहला कदम: आटा चक्की से शुरुआत**
वर्ष 2020 में नरेश ने कृषि विभाग की 80 प्रतिशत सब्सिडी योजना के तहत गांव में आटा चक्की की शुरुआत की। इस छोटे से प्रयास से उन्हें 3-4 हजार रुपये मासिक आमदनी होने लगी। लेकिन नरेश यहीं नहीं रुके। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों के सेमिनारों में भाग लेकर योजनाओं और सब्सिडी के बारे में जानकारी हासिल की, और धीरे-धीरे अपने कार्यक्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया।
**किसान से उद्यमी की यात्रा**
नरेश ने मुर्गी पालन, बागवानी, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपने कदम बढ़ाए। पशुपालन विभाग से मिली सब्सिडी से उन्होंने 100 मुर्गियों का पालन शुरू किया और प्रतिदिन लगभग 25 अंडे बेचकर अच्छी खासी आय अर्जित की। इसके साथ ही, उन्होंने बायोगैस प्लांट स्थापित कर ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया, जिससे वे अपने बागवानी कार्यों में जैविक खाद का भी उपयोग कर रहे हैं।
**पॉलीहाउस और बागवानी से समृद्धि की ओर**
वर्ष 2023 में उद्यान विभाग की मदद से नरेश ने 90 प्रतिशत सब्सिडी पर पॉलीहाउस स्थापित किया, जिसमें उन्होंने मात्र 12,800 रुपये का निवेश किया। इसी साल उन्होंने एप्पल मिशन प्रोजेक्ट के तहत 500 सेब के पौधे लगाए और कीवी, आड़ू, खुमानी, प्लूम, अनार, और अमरूद की बागवानी भी शुरू की। इन फलों से उन्हें सालभर में लगभग 40 हजार रुपये की आमदनी होती है।
**जैविक खेती और मत्स्य पालन में भी सफलता**
नरेश ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करते हुए पत्तागोभी, बींस, टमाटर, हरी मिर्च, कद्दू, खीरा, और ब्रोकली जैसी सब्जियों के उत्पादन के साथ ही दालों और तिलहनों की खेती भी शुरू की। इसके अलावा, उन्होंने मत्स्य पालन के लिए तालाब भी बनाया, जिसमें वर्तमान में ट्राउट प्रजाति की 100 मछलियां पालन कर रहे हैं।
**सम्मान और प्रेरणा**
नरेश सजवाण की कड़ी मेहनत और संघर्ष को मान्यता देते हुए उन्हें 25 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अलावा, आत्मा परियोजना के तहत उन्हें दो बार क्षेत्रीय विधायक द्वारा ब्लॉक स्तर पर 10-10 हजार रुपये की धनराशि से पुरस्कृत किया गया है।
**युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत**
नरेश सजवाण ने न केवल अपने परिवार के लिए एक स्थायी आय का स्रोत स्थापित किया है, बल्कि वे अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं। उनका कहना है कि किसी भी काम में समस्याएं आ सकती हैं, लेकिन धैर्य और विश्वास बनाए रखने से ही सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्हें योजनाओं का पूरा सहयोग मिल रहा है और वे अपने कारोबार को और भी बड़े पैमाने पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
नरेश सजवाण की कहानी इस बात का प्रमाण है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी युवा स्वरोजगार के माध्यम से अपनी जमीन से जुड़े रहकर एक सफल उद्यमी बन सकता है।