उत्तराखंड

टिहरी डीएम ने किया 15 किमी पैदल चलकर आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण, इन अधिकारियों को दिए ये बड़े निर्देश

जिलाधिकारी टिहरी लगातार आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं और स्वयं मौके पर रहकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं। आज जिलाधिकारी टिहरी ने लगभग 15 किमी पैदल चलकर आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण किया एवं संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए आपको बता दें कि जिलाधिकारी टिहरी डॉ. सौरभ गहरवार ने आज घेना,सतेंगल,दोंक,सिल्लागांव,धनचूला,पतालगढ आदि आपदाग्रस्त क्षेत्रों का लगभग 15 किमी. पैदल चलकर स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा आवासीय भवनों, मोटर मार्गों, ग्रामीण मार्गों, गूलों आदि का निरीक्षण करते हुए

पीएमजीएसवाई एवं आरडब्लूडी के अधिकारियों को सभी कार्यों के इस्टीमेट तत्काल बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही गांववासियों को बैठक कर प्राथमिकता के आधार पर किये जाने वाले कार्यो के प्रस्ताव

मनरेगा में बनाकर उपलब्ध कराने को कहा। ग्राम घेना में हुए भूस्खलन से सड़क को खोलने हेतु 02 जेसीबी लगाई गई है, जबकि पतालगढ़ में 01 जेसीबी

द्वारा सड़क को खोलने का कार्य किया जा रहा है। सतेंगल में गांववसियों द्वारा सड़क को लेकर की गई शिकायत पर जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई अधिकारी को निर्देशित किया कि सतेंगल में किये जा रहे कार्यों की ड्रांइग, डीपीआर तथा टेण्डर आदि डाक्यूमेंट के साथ कल 10 बजे उन्हें कार्यालय में मिलना

सुनिश्चित करें।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी लगातार अन्य आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लगी

टीमों से भी मोबाइल के माध्यम से जानकारी लेते रहे। ग्वाड़ गांव में लगी टीम द्वारा अवगत कराया गया कि मलबे में लापता 05 व्यक्तियों में से 01व्यक्ति का शव बरामद हो चुका है। वहीं कोठार कीर्तिनगर में भी लापता एक

महिला का शव बरामद हो चुका है। इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्राम घेना में जगदीश सिंह, विक्रम सिंह, बच्चनसिंह, गोविन्द सिंह, भरत सिंह, सोवन सिंह, नरेन्द्र सिंह, मनोज सिंह एवं भवान सिंह आवासीय भवनों के साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त अन्य भूसम्पति का निरीक्षण किया। पीएमजीएसवाई के अधिकारी को सभी कार्यों के तत्काल इस्टीमेट बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। वहीं गांववासियों से कहा कि बैठक कर छोटे-छोटे कार्य यथा गूल, पुश्ता, सम्पर्क मार्ग, पानीके टैंक, सुरक्षा दीवार आदि कार्यों के प्रस्ताव मनरेगा के अन्तर्गत

प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावित करें। जिलाधिकारी द्वारा गांववासियों को आश्वासन दिया कि आपदा से क्षतिग्रस्त कार्यों को प्राथमिकता के आधारपर मनरेगा, आपदा, अनटाईड फण्ड, 2जिला योजना आदि से जल्द ठीक कर लिया जायेगा। जिलाधिकारी ने सिल्ला गांव में पूर्ण सिंह पुत्र गोबर सिंह के आवासीय रास्ते की सुरक्षा दीवार का अपने सामने मेंजरमेंट करवाते हुए जिला विकास

अधिकारी को मनरेगा के तहत एक सप्ताह के अन्तर्गत सेंक्सन करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पतालगढ़ में सोबन सिंह, लोकेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, बच्चन सिंह तथा धनचूला में पंचम सिंह, सुरेश सिंह

के आवासीय भवनों का निरीक्षण किया गया। वहीं पतालगढ़ में सूरत सिंह के खेत के पास पानी का खाला, धनचूला में रेतियाखाले नामे तोक का निरीक्षण कर मेंजरमेंट करवाया गया। सतेंगल में भूकटाव के कारण गांववासियों द्वारा

गांवों को विस्थापित करने की मांग की गई, इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि

भूगर्भीय अधिकारी को यहां पर जांच हेतु भेजा जायेगा तथा उनकी रिपोर्ट के आधार पर विस्थापित परिवारों के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा।

इस दौरान जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, पटवारी यशपाल, एएई आरडब्लूडी

बी.के. सैनी, सहायक अभियन्ता, पीएमजीएसवाई-2 टिहरी नरेन्द्र सिंह, एडीआईओ सूचना भजनी भण्डारी, प्रधान घेना अनिता देवी, प्रधान पतालगढ़ राजेश कैंथुरा, प्रधान सतेंगल दिनेश राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य सरिता रावत आदि मौजूद रहे ।

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