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टिहरी : परीक्षा के दौरान गुरुजी गायब, टिहरी के स्कूल में शिक्षा की साख पर फिर सवाल जानिए किस स्कूल का है मामला

टिहरी : परीक्षा के दौरान गुरुजी गायब, टिहरी के स्कूल में शिक्षा की साख पर फिर सवाल जानिए किस स्कूल का है मामला

टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय घंडियाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा विभाग की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अर्धवार्षिक परीक्षा के दौरान छात्रों को प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका बांटने के बाद शिक्षक विद्यालय से गायब हो गए। बच्चों को भगवान भरोसे छोड़कर चले जाने का यह मामला तब उजागर हुआ जब ग्राम प्रधान बलबीर रावत स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे और दोनों शिक्षकों को नदारद पाया।

ग्राम प्रधान के अनुसार, जब उन्होंने बच्चों से शिक्षकों के बारे में पूछा, तो छात्रों ने बताया कि गुरुजी परीक्षा की कॉपियां बांटकर कहीं चले गए हैं। एक घंटे तक प्रधान खुद वहां मौजूद रहे, लेकिन कोई शिक्षक लौटकर नहीं आया। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर प्रधान ने सोशल मीडिया पर साझा कर दी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शिक्षकों का तत्काल स्थानांतरण नहीं किया गया तो ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज करेंगे।

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जाखणीधार ब्लॉक में भी हुई थी ऐसी लापरवाही

तीन दिन पहले ही जाखणीधार ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में भी इसी प्रकार की लापरवाही सामने आई थी, जिसमें दोनों शिक्षक अनुपस्थित थे और बच्चों ने खुद ही परीक्षा संचालित की थी। इस मामले में जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए एक शिक्षक को निलंबित कर दिया था।

जिला शिक्षा अधिकारी ने दी कार्रवाई का आश्वासन

घंडियाल प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक की इस लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी वीके ढौंडियाल ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और इसमें उचित जांच कर सख्त कदम उठाए जाएंगे। 

ग्रामीणों में आक्रोश, बच्चों की शिक्षा पर मंडरा रहा खतरा

इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उन्होंने शिक्षा विभाग से ठोस कदम उठाने की मांग की है। बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य को लेकर अभिभावकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीणों ने विभाग को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो वे मजबूर होकर बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत

लगातार घट रही इन घटनाओं ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब शिक्षक ही अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटेंगे तो बच्चों का भविष्य कौन संवार पाएगा। शिक्षा विभाग को इस तरह की लापरवाहियों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।

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