टिहरी : जिलाधिकारी ने टिहरी झील बांध प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के साथ की बैठक, कही ये बात
टिहरी : जिलाधिकारी ने टिहरी झील बांध प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के साथ की बैठक, कही ये बात
नई टिहरी, शनिवार: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला सभागार नई टिहरी में टिहरी झील बांध प्रभावित चोपड़ा और मदननेगी के ग्रामीणों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में ग्रामीणों की समस्याओं और शिकायतों को सुना गया और उनके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया।
चोपड़ा के ग्रामीणों ने शिकायत की कि टीएचडीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि का प्रतिकर केवल 19 खातेदारों को दिया गया, जबकि अन्य का भी उसमें हिस्सा था। ग्रामीणों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की। इस पर टीएचडीसी के महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया कि 2005 में अधिग्रहित भूमि के पुनर्वास नीति के तहत 19 काश्तकारों में से 7 को पूर्ण भुगतान और शेष को आंशिक भुगतान किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि 2010 में मलवे हेतु अधिग्रहित भूमि का प्रथम किश्त 5 लाख रुपये के रूप में संबंधित लोगों को दिया गया था।
मदननेगी के ग्रामीणों ने 2010 के सर्वे के आधार पर 32 क्षतिग्रस्त मकानों के पुनः सर्वे की मांग की। टीएचडीसी के अधिकारियों ने बताया कि 2011, 2017 और 2018 में विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वेक्षण किया गया, जिसमें प्राकृतिक आपदा को इसका कारण बताया गया।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बैठक मे कहा की आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई जा रही है, जो टिहरी झील बांध प्रभावित गांवों की मॉनिटरिंग करेगी। चोपड़ा के मामले पर उन्होंने ग्रामीणों को विधिक राय लेने की सलाह दी और अदालत के आदेशानुसार आगे की कार्यवाही करने की बात कही।
बैठक में अधिशासी निदेशक टीएचडीसी एल.पी. जोशी, महाप्रबंधक टीएचडीसी विजय सहगल, एसडीएम टिहरी संदीप कुमार, अधिशासी अभियंता पुनर्वास डी.एस. नेगी और चोपड़ा एवं मदननेगी के ग्रामीण उपस्थित थे।