टिहरी : जिला पंचायत और डीएफओ के बीच विवाद, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, पढ़िए क्या है मामला
टिहरी : जिला पंचायत और डीएफओ के बीच विवाद, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, पढ़िए क्या है मामला
बौराड़ी स्टेडियम में चल रहे वन विभाग के खेलों में व्यस्त टिहरी डीएफओ पुनीत तोमर को जिला पंचायत के सदस्यों की क्रोध के कारण, जिला पंचायत की चल रही बैठक में डीएम ने बुलाया। बैठक में पहुंचे डीएफओ से वन विभाग की कार्यप्रणाली के चलते रूके विकास कामों को लेकर जिला पंचायतों ने कई तरह के सवाल किए। जिन पर दिए गए डीएफओ के जवाब से जिला पंचायत सदस्य संतुष्ट नहीं हो पाए, जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी डीएफओ को नियमों की आड़ में विकास कामों में अवरोध पैदा करने की हिदायत दी आपको बता दे कि सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण और डीएम मयूर दीक्षित की मौजूदगी में जिला पंचायत में त्रैमासिक बैठक संपन्न हुई। बैठक में विभागीय चर्चाओं के दौरान टिहरी वन प्रभाग के डीएफओ पुनीत तोमर की कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधियों ने अपना रोष जाहिर किया।
जिला पंचायत सभागार में आयोजित त्रैमासिक बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि अधिकारियों को विकास कामों को बाधित करने की आदत से छोड़ने की सलाह दी। विकास कामों की बाधा के कारण जनता तक जल जीवन मिशन की योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है। इसे किसी भी अधिकारी के लिए सही नहीं माना जाता। डीएम ने बैठक में कहा कि जनता के कामों के प्रति अधिकारी तत्पर रहें। विकास कामों को समुंदर के किनारे ले जाना भी अधिकारियों का दायित्व है।
वन विभाग के डीएफओ की कार्यप्रणाली से खफा जिला पंचायत सदस्य रघु सजवाण ने कहा कि पौखाल जवारह नवोदय विद्यालय में वन विभाग की निष्क्रियता की वजह से 20 स्कवार मीटर जगह पानी के टैंक बनाने के लिए नहीं मिल रही है। जिससे स्कूल को पानी नहीं मिल रहा है। इसी तरह से प्रतापनगर में इतनी जगह की आवश्यकता के चलते आम लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा है। टिपरी में पहने निर्मित हाईटेक शौचालय के लिए जिला पंचायत ने दस लाख रूपये की धनराशि वन विभाग को पूर्व डीएफओ के सहमति पर जारी की। लेकिन वर्तमान डीएफओ तोमर ने नियमों की आड़ में शौचालय के निर्माण को रोक दिया है। भले ही बैठक में डीएफओ पुनीत तोमर ने कई तरह के वन नियमों का हवाला इसे लेकर दिया, जिपंस जयवीर रावत ने डीएफओ से सवाल कर नाराजगी जाहिर की कि उनके विभाग में योजनाओं को सेलेक्टेड लोगों के इशारे पर दिया जाता है, जबकि जनहित की योजनाओं को निरंतर दरकिनार किया जा रहा है। डांडाचली ईको पार्क को लेकर भी वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया गया। जन प्रतिनिधियों ने कहा कि वन विभाग के तहत आने वाले आम रास्ते खराब पड़े हैं और दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं, लेकिन वन विभाग इस ओर ध्यान देने के बजाय नियमों का बखान करने में जुटा है। बैठक में जिपंस जयवीर सिंह रावत ने थौलधार विकास खंड व प्रतापनगर क्षेत्र को ओबीसी में केंद्रीय अनुसूची में शामिल करने की मांग समाज कल्याण से की। ठांगधार-थौलधार मोटर मार्ग का निर्माण करवाने की मांग की गई। जनप्रतिनिधियों ने टिपरी में जिला पंचायत के दुकानों के आवंटन करने की मांग भी की। इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष भोला परमार, रेखा असवाल, रीता देवी, विनोद लाल, प्रमुख सुनीता देवी, सनबीर बेलवाल, हितेश चौहान, सोना नौटियाल, नरेंद्र सिंह रावत, पूजा देवी, कविता रौछेला, यमला सजवाण, सत्येंद्र धनोला, बलवंत रावत, धनपाल सिंह आदि मौजूद रहे।