नई टिहरी। टिहरी बांध विस्थापितों और प्रभावितों ने उनके कब्जे वाली अतिरिक्त भूमि का स्वामित्व देने की मांग की है। कहा कि पूर्व में दो-दो मुख्यमंत्रियों ने विस्थापितों की इस मांग को लेकर घोषणा की गई थी। लेकिन लंबे समय बाद भी घोषणा का जीओ जारी नहीं हो पाया। जिसके कारण उन्हें दिक्कत हो रही है। उन्होंने सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग उठाई है।
रविवार को बौराड़ी में आयोजित नई टिहरी संघर्ष समिति की बैठक में पहुंचे विधायक किशोर उपाध्याय को बांध विस्थापितों और प्रभावितों ने समस्याओं से अवगत कराया। समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद भट्ट और सचिव राजेंद्र प्रसाद डोभाल ने बताया कि पुनर्वास नीति के तहत बांध प्रभावितों, विस्थापितों को आवास और व्यावसायिक भूखंड विकसित कर दिए जाने थे। लेकिन पुनर्वास और टीएचडीसी ने बिना विकसित किए ही भूमि आवंटित कर दी। जिसे संबंधित व्यक्तियों ने विकसित कर आवासीय और व्यावसायिक भवन बनाए। बताया कि पूर्व सीएम के निर्देश पर पुनर्वास निदेशक ने सर्वे करवाया था। इसी सर्वे के आधार पर अतिरिक्त कब्जे वाली भूमि का स्वामित्व दिया जाए। नागरिक मंच के अध्यक्ष सुंदर लाल उनियाल, सरंक्षक सीपी डबराल ने शहर की 17 सूत्री समस्याओं से अवगत कराया। कर्म सिंह तोपवाल ने बौराड़ी के 40 प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण सहायता देने की मांग की। विधायक ने कहा कि विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस मौके पर पूर्व प्रमुख खेम सिंह चौहान, अनुसूया नौटियाल, सीपीएस परमार, देवेंद्र बेलवाल, डा. जेपी बहुगुणा, उर्मिला राणा, पंचम तोपवाल, देवेंद्र चौहान, सफर सिंह चौहान, शीशराम थपलियाल, विजय डोभाल, कुलानंद डोभाल, गंगा भगत नेगी, रणजीत नेगी, बचन तोपवाल, धनपाल पंवार, रतन सिंह पंवार, जगदीश डोभाल मौजूद थे।