उत्तराखंड

बड़ी खबर : जनदर्शन में गुहार, प्रशासन ने किया असरदार, गरीब महिला के तीनों बच्चों को मिला आश्रय और शिक्षा

बड़ी खबर : जनदर्शन में गुहार, प्रशासन ने किया असरदार, गरीब महिला के तीनों बच्चों को मिला आश्रय और शिक्षा

आज फिर एक लाचार परिवार की लग गई नैया पार 3 बच्चों का छात्रवास में दाखिला

असहाय; लाचार; व्यथितों के चेहरों पर मुस्कान लौटाते डीएम सविन

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चंदुल के बेटे राहुल, विकास, आकाश को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रवास में एडमिशन, 

पिछले सप्ताह जन दर्शन 21 जुलाई को चंदुल ने डीएम से लगाई थी फरियाद

 स्वास्थ्य; शिक्षा; रोजगार; न्याय सब एक छत के नीचे; जिला प्रशासन के दनादन एक्शन

 जिला प्रशासन का कागज पर जनहित में लिखा एक-एक शब्द ही है आदेश न्याय की गारंटी

अपाहिज पतिः स्वयं भी रहती है बीमार; रोजगार का नही कोई साधन; प्रशासन का मिला सहारा

देहरादून, पिछले जनता दर्शन में गरीब चंदुल ने जिलाधिकारी सविन बंसल से अपनी फरियाद लगाते हुए बताया कि उनके तीन बच्चे हैं राहुल कुमार कक्षा-7, विकास कक्षा-5, व आकाश कक्षा-3 में सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे। पति का पांव कटा हुआ है तथा वह काम काज करने में असमर्थ है। वह स्वयं लोगों के घरों/कोठियों मे जाकर चौका-बर्तन करके अपना व अपने गरीब बच्चों का पालन पोषण करती है। स्वयं बीमार रहती है, उसके पांव मे सूजन आ जाती है जिससे काम-काज करने में असमर्थ है। उन्होंने डीएम से बच्चों की पढाई के लिये आवासीय स्कूल मे दाखिला दिलाने का अनुरोध किया, ताकि उनकी खराब आर्थिक स्थिति का असर उनके बच्चों की पढाई पर न पड़े।

डीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने सक्रियता से कार्य करते हुए बच्चों का दाखिला नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास में करा दिया है। चंदुल के बड़े बेटे राहुल कुमार कक्षा-7 को नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रवास जस्सोवाला विकासनगर, मजले व छोटे बेटे विकास कक्षा-5. व आकाश कक्षा-3 को नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रवास कौलागढ में दाखिला दिलाया गया है।

असहाय गरीब महिला 21 जुलाई के जनदर्शन में अपनी पीड़ा डीएम को सुनाई थी। चंदुल के पति अपाहिज है वह स्वंय भी बीमार रहती है। घरों में चौका बर्तन कर गुजारा करती है। अपाहिज बेरोजगार पति कमाई का कोई साधन न होने तथा आर्थिक दशा खराब होने से बच्चों की पढाई का डर सता रहा है ऐसे वक्त पर जिला प्रशासन ने सक्रिय भूमिका निभाते हुए चंदुल के बच्चों का दाखिला छात्रवास विद्यालय में दिलाकर एक और परिवार के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है।

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