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1800 करोड़ की परियोजना से नई टिहरी और झील के पर्यटन को लगेंगे पंख टिहरी लेक सिटी परियोजना को वित्तीय स्वीकृति मिलने पर टिहरी के लोगों में खुशी अलग-थलग पड़े मास्टर प्लान शहर के दिन भी बहुरने की उम्मीद

1800 करोड़ की परियोजना से नई टिहरी और झील के पर्यटन को लगेंगे पंख टिहरी लेक सिटी परियोजना को वित्तीय स्वीकृति मिलने पर टिहरी के लोगों में खुशी अलग-थलग पड़े मास्टर प्लान शहर के दिन भी बहुरने की उम्मीद

नई टिहरी, (मुकेश रतूड़ी) : एशियन डेवलपमेंट बैंक और ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक की ओर से टिहरी लेक सिटी महत्वकांक्षी परियोजना को केंद्रीय वित्त मंत्रालय की स्वीकृति मिलने से नई टिहरी, टिहरी बांध की झील और आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास की उम्मीद जग गई है। इस परियोजना से पर्यटन की दृष्टि से अलग-थलग पड़े मास्टर प्लान शहर के दिन भी बहुरने की उम्मीद है। योजना के मुताबिक टिहरी शहर में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने और शहर को टिहरी झील से जोडऩे के लिए कई प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। इस माह के अंत तक बहुपक्षीय विकास बैंकों के प्रतिनिधि स्थलीय निरीक्षण करेंगे। जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन इसे टिहरी के पर्यटन के लिए संजीवनी बता रहे हैं।

टिहरी बांध की झील को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के दिशा में लंबे समय से कवायद चल रही थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने टिहरी झील विकास परियोजना के लिए 1800 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति देने के निर्णय से टिहरी के पर्यटन को चार चांद लगने की उम्मीद है। इस परियोजना से झील क्षेत्र के विकास के साथ-साथ नई टिहरी, डोबरा, तिवाडग़ांव, मदननेगी, सादणा का भी सुनियोजित विकास होगा। पर्यटन कारोबार बढऩे से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के भी द्वार खुलेंगे। योजना के अनुसार कोटी कालोनी, नई टिहरी, तिवाड़ गांव, डोबरा-चांठी, टिहरी झील और मदननेगी को क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। 2005 में टिहरी झील बनने के बाद से केंद्र और राज्य सरकार टिहरी झील को फोकस में रखकर लगातार योजनाएं बना रही हैं। लेकिन 1800 करोड़ के मेगा बजट से टिहरी झील का कायाकल्प होना निश्चित है। फिलहाल टिहरी झील में कोटी कालोनी में ही बोटिंग प्वाइंट चल रहा है। स्थानीय बेरोजगार डोबरा-चांठी, तिवाडग़ांव, कंडीसौड़-छाम, पीपलडाली, पिलखी आदि में भी नए बोटिंग प्वाइंट बनाने की मांग कर रहे हैं। अब उम्मीद है कि उनके सपनों को भी इस परियोजना से पंख लगेंगे। वहीं नई टिहरी शहर जो पर्यटकों के अभाव में अलग-थलग पड़ गया था, यहां भी लोगों को रोजगार मिलेगा। योजना के मुताबिक नई टिहरी में मल्टीलेबल पार्किंग, इको पार्क, साइकिल पाथ, जिम, योगा एंड मेडिटेशन सेंटर समेत अनेक नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पर्यटन व्यवसाय न होने के कारण अधिकांश व्यवसायी नई टिहरी से पलायन करने को मजबूर हैं। ऐसे में इस परियोजना से उनमें नई उम्मीद जगाई है।

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इनका क्या है कहना-

सस्टेनेबल टूरिज्म को विकसित करने के लिए 1800 करोड़ की परियोजना से टिहरी का समग्र विकास होगा। प्रयास रहेगा कि इसमें स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले। बेरोजगारी के संकट को दूर करने का सरकार का यह बड़ा प्रयास है।

-किशोर उपाध्याय, विधायक टिहरी

टिहरी झील के विकास के लिए 1800 करोड़ की योजना का स्वागत है। विधायक रहते इसके लिए लगातार प्रयास किया। आज योजना को वित्तीय स्वीकृति मिल गई है।

धन सिंह नेगी, पूर्व विधायक।

योजना यदि सही तरीके से क्रियान्वित कर धरातल पर उतारा गया तो हजारों लोगों को फायदा मिलेगा। योजना का स्वागत। स्थानीय युवाओं को भी उनकी प्राथमिकता के अनुसार काम दिया जाना चाहिए।-कुलदीप पंवार, नरेंद्र रावत, लखवीर चौहान पदाधिकारी बोट यूनियन।

पर्यटकों और ग्राहकों की कमी से जूझ रहे नई टिहरी शहर के लिए यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। शहर में नए-नए रोजगार विकसित होंगे और युवाओं के हाथों को काम मिलेगा।

-सुंदर लाल उनियाल, अध्यक्ष नागरिक मंच।

टिहरी लेक सिटी परियोजना में कोटी से डोबरा तक 17 किमी रिंग रोड, नई टिहरी, कोटी कालोनी और आसपास क्षेत्रों का संस्थागत विकास। टिहरी के पर्यटन के लिए स्वर्णिम योजना साबित होगी।

पीके पात्रो, सीईओ टाडा।

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