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टिहरी से बड़ी खबर : 27 साल की इशिता सजवाण बनी सबसे कम उम्र की जिला पंचायत अध्यक्ष

टिहरी से बड़ी खबर : 27 साल की इशिता सजवाण बनी सबसे कम उम्र की जिला पंचायत अध्यक्ष

नई टिहरी (मुकेश रतूड़ी) : टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा ने कांग्रेस को चारों खाने चित्त कर दिया। कांग्रेस पर इसको देखकर ‘दुविधा में दोनों गये माया मिली न राम’ कहावत फिट बैठ रही है। भाजपा ने चुनावी प्रबंधन के तहत संख्या बल कम होने के बावजूद अध्यक्ष पद निर्विरोध जीतकर अपनी सांगठनिक क्षमता को साबित किया है। वहीं कांग्रेस के पास संख्या बल अधिक होने के बावजूद उसने मुंह की खाई है।

दरअसल जिला पंचायत के 45 सदस्यों में कांग्रेस के 14 और भाजपा के महज 13 सदस्य जीतकर आए, वहीं 18 सदस्य निर्दलीय जीते। भाजपा ने निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष व अखोड़ी सीट से सदस्य सोना सजवाण अधिकृत किया। लेकिन कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतार पाई। उसने सोमवार को भाजपा की बागी व निर्दलीय नामांकन कराने वाले इशिता सजवाण को समर्थन देने की घोषणा की। लेकिन कांग्रेस की यह खुशी 24 घंटे में ही काफूर हो गई। कांग्रेसी लगातार मीडिया और सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर रहे थे कि, टिहरी में वे किंग मेकर की भूमिका में हैं। लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत। भाजपा प्रदेश संगठन ने जीत-हार के समीकरण को तोलते हुए सोना सजवाण की जगह इशिता सजवाण को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर सोना सजवाण ने नाम वापस ले लिया। जिसके चलते इशिता निर्विरोध अध्यक्ष बन गई। भाजपा की इस चाल में कांग्रेस उलझ कर रह गई। भाजपा ने नाम वापसी के आखिरी घंटे में अधिकृत प्रत्याशी परिवर्तित कर सारे चुनाव समीकरण परिवर्तन कर दिए। भाजपा ने कांग्रेस को कोई मौका ही नहीं दिया। अब कांग्रेस को अपना उपाध्यक्ष बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। यहां कांग्रेस ने मान सिंह रौतेला को उपाध्यक्ष पद पर उतारा है, जबकि भाजपा ने हुकम सिंह पर दांव खेला है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा और उसके समर्थन में आए जिला पंचायत सदस्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी को वोट देते हैं, कि नहीं। यह 14 अगस्त को साफ हो जाएगा। लेकिन एक बात तो तय है कि इन चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सियासी जमीन को पूरी तरह से खो दिया है। जिला पंचायत के अलावा क्षेत्र पंचायत में भी कांग्रेस की स्थिति बदतर है। एक मात्र जाखणीधार ब्लॉक में कांग्रेस ने भाजपा के बागी प्रत्याशी त्रिलोक बिष्ट को प्रमुख पद के लिए समर्थन दिया, लेकिन बिष्ट ने भी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी राजेश नौटियाल के समर्थन में नाम वापस लेते हुए ज्येष्ठ उप प्रमुख पद की कुर्सी हथिया कर कांग्रेस को असहज कर दिया है।

पहली बार टिहरी में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बना है। अब नवनिर्वाचित अध्यक्ष इशिता सजवाण को भाजपा के साथ-साथ निर्दलीय के साथ भी तालमेल बिठाना पड़ेगा।

गेम चेंजर:

समाजसेवी और उद्योगपति वीरेन्द्र सिंह सजवान उर्फ पप्पू भाई जो इशिता सजवान के ताऊ हैं, इस पूरे प्रकरण में किंग मेकर की भूमिका में रहे, यह पप्पू सजवान ही थे जिनके कारण इशिता ने रिकॉर्ड 4400 से अधिक वोटों से उन्हें जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जिताया। साथ ही बेहतर प्रबंधन से 30 से अधिक सदस्यों को एकत्रित कर उनकी जीत पक्की भी कर गए।

इनका क्या है कहना-

भाजपा ने रणनीति के तहत यह चुनाव लड़ा। पार्टी ने इशिता सजवाण को अधिकृत कर निवर्तमान जिपं अध्यक्ष सोना सजवाण से नाम वापस लेने को कहा, जिसके बाद उनका रास्ता निष्कंटक हो गया। भाजपा टिहरी में पंचायत चुनाव में सारे रिकार्ड ध्वस्त करेगी।

-उदय रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष

भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। जिस प्रत्याशी को कांग्रेस ने समर्थन दिया, उसे जीतता देखकर अधिकृत प्रत्याशी को हारता देख भाजपा ने यह दांव खेला है। जबकि अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा तो नामांकन के पूर्व हो जाती है। यह विश्वास की लूट है। जिसके जनता बखूबी देख रही है।

-शांति प्रसाद भट्ट, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस।

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