उत्तराखंड

ब्रेकिंग न्यूज़ : हाईकोर्ट ने उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगाई रोक, जानिए क्यों

ब्रेकिंग न्यूज़ : हाईकोर्ट ने उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगाई रोक, जानिए क्यों

उत्तराखंड में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा आरक्षण नियमावली की अधिसूचना जारी न किए जाने और आरक्षण रोटेशन प्रक्रिया में अनियमितता के चलते लिया गया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया पर रोक का आदेश दिया है।

 कोर्ट ने क्या कहा?

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मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि राज्य सरकार द्वारा पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया को तय करने में नियमानुसार प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब मामला विचाराधीन था, तब सरकार को चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं करना चाहिए था।

याचिका में क्या कहा गया?

बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने 9 जून को जारी नए आदेश के तहत पंचायत चुनावों की आरक्षण व्यवस्था को बदल दिया है। इसके तहत पहले से तीन बार आरक्षित सीट को इस बार भी आरक्षित कर दिया गया, जिससे सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिल रहा।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस निर्णय से लोकतंत्र की मूल भावना प्रभावित हो रही है, और यह आरक्षण की न्यायसंगत रोटेशन नीति के खिलाफ है।

 चुनाव की अधिसूचना पर विवाद

राज्य निर्वाचन आयोग ने 21 जून को पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में दो चरणों में चुनाव कराने की योजना थी, जबकि मतगणना 19 जुलाई को प्रस्तावित थी। लेकिन अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह चुनाव प्रक्रिया स्थगित हो गई है।

 निर्वाचन आयोग की स्थिति

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को प्रेस वार्ता में दावा किया था कि सरकार ने आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर आयोग को सौंप दी थी। लेकिन अदालत के अनुसार इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायिक संतुलन का अभाव दिखा।

 आगे क्या?

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह नियमों के अनुसार आरक्षण की प्रक्रिया को स्पष्ट करे और अदालत को जवाब पेश करे। अब राज्य सरकार को अदालत के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी, जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया को लेकर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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