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टिहरी : समन्वय, नवाचार और प्रगति की दिशा में श्री देव सुमन विश्वविद्यालय की वित्त एवं कार्यपरिषद बैठक सफलतापूर्वक संपन्न

टिहरी : समन्वय, नवाचार और प्रगति की दिशा में श्री देव सुमन विश्वविद्यालय की वित्त एवं कार्यपरिषद बैठक सफलतापूर्वक संपन्न

नई टिहरी। श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में शैक्षणिक उत्कृष्टता, सुशासन और शोध नवाचार को नई दिशा देते हुए विश्वविद्यालय की वित्त समिति एवं कार्यपरिषद की महत्वपूर्ण बैठकें संपन्न हुईं। दोनों बैठकों में विश्वविद्यालय की नीतिगत, वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े अनेक दूरगामी निर्णय लिए गए।

दिनांक 29 अक्टूबर 2025 को विश्वविद्यालय मुख्यालय में आयोजित वित्त समिति की 9वीं बैठक में विश्वविद्यालय के खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार राशि प्रदान करने, एवं अध्यापकों को शोध प्रस्तावों के लिए वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने जैसे निर्णय सर्वसम्मति से पारित किए गए।

साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में AI लैब एवं GIS लैब की स्थापना के लिए क्रमशः ₹75 लाख और ₹25 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।

मुख्यालय और परिसरों में नेटवर्किंग, स्मार्ट बोर्ड, ऑनलाइन UPS, कंप्यूटर क्रय और ट्रांजिट हॉस्टल फर्निशिंग पर लगभग ₹3 करोड़ का व्यय अनुमोदित किया गया।

उच्च शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “शोध कोष (Research Fund)” की स्थापना का निर्णय लिया गया, जिसमें ₹10 करोड़ की राशि निवेश की जाएगी। इस कोष से प्राप्त ब्याज की ₹50 लाख वार्षिक राशि का उपयोग शोध परियोजनाओं, पेटेंट्स और तकनीकी नवाचारों के लिए किया जाएगा।

कार्यपरिषद की 12वीं बैठक में लिए गए नीतिगत निर्णय

दिनांक 31 अक्टूबर 2025 को आयोजित कार्यपरिषद की 12वीं बैठक, जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने की, में अनेक महत्वपूर्ण नीतिगत प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।

बैठक में शैक्षिक परिषद की 16वीं बैठक (19 जुलाई 2025) के कार्यवृत्त को अनुमोदित किया गया। इसके साथ ही संकायाध्यक्षों एवं विभागाध्यक्षों की नियुक्तियां की गईं और सेवारत शिक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची निर्गत की गई।

राज्य निधि से सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति तिथि को माह के अंतिम दिवस तक निर्धारित करने के प्रस्ताव को अनुमोदन मिला। साथ ही मृतक आश्रित सेवा नियमावली 1974 (संशोधित 2023) को विश्वविद्यालय की परिनियमावली में समाहित करने को स्वीकृति दी गई।

बैठक में मिनिस्ट्रीयल संवर्ग में 17 पदों की स्वीकृति, CAS प्रमोशन हेतु विषय विशेषज्ञों की मांग, 31 महाविद्यालयों की संबद्धता एवं 8 नए डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की गई।

साथ ही संशोधित आरक्षण रोस्टर निर्धारण पर भी परिषद ने सहमति व्यक्त की।

दीक्षांत समारोह एवं नए परिसर की घोषणा

बैठक में षष्ठम दीक्षांत समारोह के आयोजन को भी मंजूरी दी गई, जिसमें सत्र 2024 के टॉपर छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और उपाधि (डिग्री) से सम्मानित किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी), टिहरी गढ़वाल को विश्वविद्यालय के नए परिसर के रूप में स्थापित किए जाने की सूचना दी गई।

साथ ही राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर (चमोली) के शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों को अस्थायी तैनाती (Temporary Arrangement) के आधार पर दो वर्षों के लिए विश्वविद्यालय में तैनात करने की शासन स्वीकृति से परिषद को अवगत कराया गया।

बैठक में कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा सदस्य सचिव के रूप में उपस्थित रहे। इसके साथ ही डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव, उच्च शिक्षा ने ऑनलाइन माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज की।

बैठक में माननीय सदस्यगणों में डॉ. राजेन्द्र डोभाल, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. विजय प्रकाश श्रीवास्तव, प्रो. कल्पना पंत, डॉ. हेमन्त सिंह, डॉ. संजय मेहर, प्रो. के.एन. बरमोला, प्रो. महेन्द्र सिंह पंवार, प्रो. सतीश पंत तथा प्रो. शैलेन्द्र कुमार तिवारी शामिल रहे।

अंत में कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने कहा की वित्त समिति एवं कार्यपरिषद द्वारा लिए गए ये निर्णय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, शोध नवाचार और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। विश्वविद्यालय निरंतर नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर रहेगा।

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