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टिहरी : विश्व क्षय रोग दिवस, टीबी के खिलाफ जोरदार मुहिम, जागरूकता रैली और सम्मान समारोह आयोजित

टिहरी : विश्व क्षय रोग दिवस, टीबी के खिलाफ जोरदार मुहिम, जागरूकता रैली और सम्मान समारोह आयोजित

विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर जनपद में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनका उद्देश्य टीबी उन्मूलन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना था। इस अवसर पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), नई टिहरी के छात्र-छात्राओं और अध्यापकों ने टीबी मुक्त भारत के संकल्प की ऑनलाइन और ऑफलाइन शपथ ली। इसके बाद आईटीआई परिसर से श्रीदेव सुमन पार्क तक एक जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

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जिलाधिकारी ने किया 19 टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के प्रधानों का सम्मान

रैली के उपरांत जिला सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने चंबा ब्लॉक की 16 और जाखणीधार ब्लॉक की 3 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, 02 निक्षय मित्रों, 02 डॉट्स सपोर्टर्स और 01 टीबी चैम्पियन को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा की जनपद में अब तक 332 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। हमारा लक्ष्य है की 2025 तक पूरे जिले को टीबी मुक्त किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावी रणनीति बनाकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि किसी को लंबे समय तक खांसी, बलगम में खून, बुखार, वजन कम होना या रात में पसीना आने जैसी समस्या हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाएं।

टीबी के लक्षण और रोकथाम पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्याम विजय ने क्षय रोग से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है और यह हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यह रोग केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है।

डॉ. विजय ने कहा की टीबी का समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा हो सकता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसका समुचित इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से संभव है। मरीजों को चाहिए कि वे दवा को बीच में न छोड़ें और यदि वे इलाज के दौरान किसी अन्य स्थान पर जाते हैं, तो अपने ट्रीटमेंट कार्ड को साथ लेकर जाएं, ताकि उन्हें भारत में कहीं भी दवा मिल सके।

स्वास्थ्य विभाग और समाजसेवी संगठनों की भागीदारी

इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जितेंद्र भंडारी, डीपीआरओ एम.एम. खान, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, ग्राम प्रधान, निक्षय मित्र, टीबी चैम्पियन और डॉट्स सपोर्टर्स उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर जनपद को टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को दोहराया।

विश्व क्षय रोग दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम ना सिर्फ जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सामूहिक प्रयासों से टीबी को जड़ से मिटाया जा सकता है।

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