
नई टिहरी, (मुकेश रतूड़ी) उत्तराखंड में सरकार विकास के लाख दावे करती है, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही। पर्यटन नगरी धनोल्टी के राजस्व गांव धनोल्टी लग्गा गोठ गांव में सड़क के अभाव में प्रसव पीड़ा से कराहते हुए एक महिला रात के घनघोर अंधेरे में 6 घंटे पैदल चलकर सड़क तक पहुंची। उसके बाद धनोल्टी से टैक्सी लेकर मसूरी अस्पताल में महिला का सकुशल प्रसव हुआ। राहत की बात है कि जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। यह घटना लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग समेत शासन-प्रशासन के दावों पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
22 जून की रात करीब 10 बजे ग्राम पंचायत धनोल्टी के धनोल्टी लग्गा गोठ गांव की अंजू देवी पत्नी सोमवारी लाल गौड़ उर्फ सोनू की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। लेकिन गांव सड़क से ढाई किमी दूरी पर है। गांव में घोड़ा-खच्चर की भी कोई सुविधा नहीं है। जिसके बाद थक-हारकर सोनू ने अपनी पत्नी को परिजनों के साथ टॉर्च के सहारे रात 11 बजे घने जंगल से ले जाकर धनोल्टी पहुंचाया। सोनू ने बताया कि पत्नी प्रसव वेदना से कराह रही थी। लेकिन पेट में बच्चा होने के कारण उसे कंधे पर भी उठाकर नहीं ले जा सकता था। 6 घंटे पैदल चलकर वह धनोल्टी स्टेशन पहुंचे। 23 जून की सुबह करीब 5 बजे धनोल्टी से टैक्सी लेकर वह 7 बजे मसूरी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पहुंचते ही पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। सोनू का कहना है कि सांसद, विधायक, जिला पंचायत प्रतिनिधियों से गांव में सड़क बनाने की गुहार लगाई है। गांव के लोग पीएमजीएसवाई विभाग से भी मिले। क्योंकि 2001 की जनसंख्या के अनुसार गांव में सड़क बनाने के मानक पूरे हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई। धनोल्टी लग्गा गोठ और गोठ राजस्व गांव हैं। जहां की जनसंख्या 250 से अधिक है। गांव के बीच में जीआईसी चूलीसैण धनोल्टी भी है। जहां एक दर्जन से अधिक गांव के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। छात्र-छात्राएं भी लंबी दूरी तयकर स्कूल पहुंचते हैं। इससे पहले भी गांव में सड़क के अभाव में कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस बाबत पीएमजीएसवाई चंबा के ईई आरपी पंत ने बताया कि पीएमजीएसवाई कोर नेटवर्क में उक्त गांव को सड़क से कनेक्ट दिखाया गया है। जिस कारण गांव में सड़क का प्रस्ताव नहीं भेज पा रहे हैं। हालांकि गांव की जनसंख्या 250 से अधिक है।