उत्तराखंड

बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त, मची खलबली, फसेंगे कई अफसर,जानिए क्या है मामला

कोटद्वार से सटे पाखरौ में 106 हेक्टेयर में टाइगर सफारी से जुड़ा विवाद (Tiger Safari Controversy) सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने से खलबली मच गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जिस टीम को जांच के लिए भेजा था, उसे कई गड़बड़ियां मिलने की खबर के बाद से ही माना जा रहा है कि कई अफसर फंस सकते हैं. यह वही मामला है, जो पिछली सरकार में कोटद्वार से विधायक (Kotdwar MLA) एवं वन मंत्री रहे हरक सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान सुर्खियों में रहा, जब रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर पाखरौ में टाइगर सफारी के लिए कई निर्माण कार्य हुए.

इस सफारी के लिए पेड़ों की अवैध कटाई समेत वित्तीय अनियमितताओं (Financial Irregularities) को लेकर मामला विवादों में घिरा है. कई स्तरों पर जांचें होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी 28 से 30 मार्च के बीच कॉर्बेट में निरीक्षण कर लौट कर चुकी है. निरीक्षण के आधार पर कमेटी ने वन विभाग से कुछ ज़रूरी कागज़ात तलब किए हैं. चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन पराग मधुकर धकाते का कहना है कि कमेटी की चाही गई जानकारी दी जा रही है. वहीं, हरक सिंह इस पूरे मामले में अपना बचाव करते दिख रहे हैं.

हरक सिंह ने की विधानसभा स्पीकर से बात

कोटद्वार की मौजूदा विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से बातचीत के बारे में हरक सिंह ने बताया, ‘मैंने उनसे कहा कि कॉर्बेट सफारी मामले में दलगत राजनीति से उठकर काम हो.’ भाजपा से निष्कासन के बाद कांग्रेस में शामिल हुए हरक सिंह ने कहा कि अब तक केवल कुमाऊं के रामनगर से ही कॉर्बेट में एंट्री का गेट था, लेकिन उन्होंने कोटद्वार से नया रास्ता खोला. गढ़वाल में इससे पर्यटन बढ़ेगा और यही बात कुछ लोगों को पच नहीं रही है.

इस प्रोजेक्ट में क्या गड़बड़ियां हुईं?

सूत्रों की माने तो सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने अपने निरीक्षण में कई गंभीर अनियमितताएं पाईं. टाइगर सफारी के लिए बाड़े बनाने की मंज़ूरी मिलने से पहले ही पेड़ों का सफाया कर दिया जाना, रिज़र्व के एरिया में बिना स्वीकृति के कई निर्माण कार्य करवाना और बिना स्वीकृति के ही पाखरौ, मोरघट्टी और ढिकाला जैसे कोर ज़ोन में आलीशान बंगले बनवा दिए जाना जैसे बिंदुओं पर जांच गंभीर मोड़ पर आ गई है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button