बिपिन रावत के नाम पर रखा जाए सैन्यधाम का नाम, मदन कौशिक की बड़ी मांग
आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। बता दें कि आज सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरु हुई लेकिन सबसे पहले शहीद सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि अर्पित करने का सिलसिला जारी है।वहीं इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। अभी सत्र की कार्यवाही जारी है। दिवंगत बिपिन रावत को श्रद्धांजिल देने का सिलसिला जारी है।
नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निधन पर शोक पढ़ना शुरू किया. सीडीएस जनरल विपिन रावत से जुडी यादों को सदन में साझा किया। सीएम ने कहा कि जनरल रावत ने हमेशा सेना का मनोबल बढ़ाने का काम किया। जनरल बिपिन रावत के जीवन पर सीएम ने प्रकाश डाला।CM धामी ने कहा जनरल सहाब हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बयान देते हुए कहा कि बिपिन रावत बेहद सरल स्वभाव के थे। उनके जाने से देश को अपूरणीय क्षति हुई है जो की कभी पूरी नहीं की जा सकती है। सीएम ने दो पंक्तियां कही-
बढ़े गौर से सुन रहा था जमाना आप ही सो गए दास्तां कहते कहते
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दि. बिपिन रावत को श्रद्धांजिल अर्पित करते हुए मांग की कि सैन्यधाम या राज्य की यूनिवर्सिटी का नाम दि. बिपिन रावत के नाम पर रखा जाए। CDS विपिन रावत को श्रद्धांजिल देते हुए प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जनरल रावत ने गुलाम कश्मीर को लेकर कहा था वह कश्मीर का हिस्सा है। सीजफायर को लेकर उन्होंने कई बार पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जनरल अचूक रणनीतिकार थे।
मदन कौशिक ने कहा कि कहा कि बिपिन रावत ने तालिबान को लेकर भी रणनीति पहले ही तैयार कर ली थी। बिपिन रावत के देश हित में लिए गए निर्णयों को कोई भूल नहीं सकता। उत्तराखंड से था उनका बड़ा लगाव था। उत्तराखंड विपिन रावत की जन्मभूमि थी। पूरे राज्य में शोक के लहर है, देश के लिए बड़ी क्षति है।