उत्तराखंड

मुनिकीरेती मे रैबार  “एक नए उत्तराखण्ड ” कार्यक्रम का आयोजन, मुख्यमंत्री धामी ने की बतौर मुख्य अतिथि शिरकत

मुनिकीरेती (टिहरी गढ़वाल) 25 दिसम्बर रैबार  “एक नए उत्तराखण्ड का ” कार्यक्रम-2021 भाग – दो (अपराह्न) के बाद  आयोजन स्थल गंगा रिसोर्ट, जीएमवीएन, मुनि की रेती में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए सीडीएस स्व० विपिन रावत व उनकी धर्मपत्नी स्व० मधुलिका के  चित्र पर  श्रद्धा सुमन अर्पित किये तथा  स्व० विपिन रावत के फोटो (सिगनेचर वॉल) पर अपने विचार लिख कर उनके प्रति अपने भाव प्रकट किये

उन्होंने सीडीएस स्व० विपिन रावत को याद करते हुए कहा कि सीडीएस जनरल रावत मेरे दिल के बहुत करीबी थे और उनका निधन उत्तराखण्ड के साथ पूरे देश दुनिया के लिए बहुत बड़ी क्षति है उनके विचार और स्वभाव से मैं  बहुत ज्यादा प्रभावित था।   मुख्यमत्री श्री धामी ने कहा कि देश के प्रथम सीडीएस बनने पर हमारे प्रदेश का गौरव बढाने का काम स्व० रावत ने किया है । उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बनाये जाने वाले सैन्य धाम में हर सम्भव मदद  स्व० रावत ने की थी।

 

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेय का जन्म दिवस है हम उन्हें नमन करते है । क्योंकि उत्तराखण्ड राज्य उनकी देन है ।  आज ही के दिन पेश्वर कांड के महानायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का जन्म दिवस है हम उन्हें व मदन मोहन मालवीय को भी जन्म दिवस   पर नमन करते हैं। 

 

इस अवसर पर  प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री  गणेश जोशी ने कहा कि हमारा पूरा प्रदेश सैनिक बहुल है ।  जो हमारे देश की  बार्डर में हमेशा देश की सुरक्षा के लिए खड़ा है वहां हर पांचवां सैनिक हमारे उत्तराखण्ड का है। उन्होंने सीडीएस स्व० विपिन रावत को याद करते हुए कहा कि उनकी ही देन है कि उत्तराखण्ड के जवानों को सेना भर्ति में लम्बाई में छूट मिली थी। 

उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में बनाये जाने वाले सैन्य धाम का नाम स्व० विपिन रावत के नाम पर रखा जायेगा। 

 

इस अवसर पर लगाये गये विभिन्न स्टालों का निरीक्षण मुख्यमंत्री व सैनिक कल्याण मंत्री द्घारा किया गया।  

 

इस अवसर पर मेयर ऋषिकेश अनिता ममगाई,  जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, सीडीओ नमामि बंसल, प्रसून जोशी, स्वामी चिदानन्द जी महाराज, महामण्डलेश्वर विरेन्द्र गिरी महाराज, शौर्या डोभाल आदि  सहित अन्य लोग व साधु संत समाज के लोग उपस्थित थे।

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