पीएसपी की पहली टरबाइन के रनर की सफलतापूर्वक स्थापना पंप स्टोरेज प्लांट बनने के बाद टिहरी बांध से होगा 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादनः डा. त्रिपाठी
पीएसपी की पहली टरबाइन के रनर की सफलतापूर्वक स्थापना पंप स्टोरेज प्लांट बनने के बाद टिहरी बांध से होगा 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादनः डा. त्रिपाठी
नई टिहरी,( मुकेश रतूड़ी.) टिहरी बांध की पीएसपी (पंप स्टोरज प्लांट) की कमीशनिंग की ओर टीएचडीसी इंडिया ने कदम बढ़ाने कर दी है। 1000 मेगावॉट की इस परियोजना की पहली 250 मेगावॉट क्षमता वाली टरबाइन के रनर (रोटर) की स्थापना सफलतापूर्वक कर ली गई है। जिससे उम्मीद है कि परियोजना सही समय पर पूरी हो जाएगी। सभी चार टरबाइन चलने के बाद टिहरी बांध अपनी पूरी क्षमता 2400 मेगावॉट विद्युत उत्पादन कर राष्ट्र निर्माण में अपना पूरा योगदान देगा। में एक-एक हजार मेगावॉट टिहरी डैम और पीएसपी से जबकि 400 मेगावॉट कोटेश्वर बांध परियोजना शामिल हैं।
शुक्रवार सायं को पीएसपी की प्रथम टरबाइन के रनर का टीएचडीसी के इंजीनियरों ने सफलतापूर्वक स्थापना कर दी। रनर लगते ही टीएचडीसी के कर्मियों का खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने मिष्ठान वितरण कर एक दूसरे को बधाई दी। टीएचडीसी के अपर महाप्रबंधक (एचआर एवं प्रशासन) डा. एएन त्रिपाठी ने बताया कि पीएसपी परियोजना में भी 250-250 मेगावाट की चार टरबाइन लगेंगी। जिसके बाद 1000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन शुरू होगा। टीएचडीसी ने अगले साल जून-जुलाई तक सभी चार टरबाइनो को कमीशनिंग की डेटलाइन तय की है। बताया कि बीती सायं को करीब 5 बजे टिहरी पीएसपी की 250 मेगावाट की पहली टरबाइन के रनर की स्थापना का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह पंप स्टोरेज प्लांट के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर माना जाएगा। टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक व पीएसपी परियोजना प्रमुख एलपी जोशी, कंसोर्टियम के प्रमुख अजय शुक्ला, मेसर्स एचसीसी के परियोजना प्रबंधक जे मोहंती और अन्य विशेषज्ञ इंजीनियरों की देखरेख में यह कार्य किया गया। इस दौरान कार्यकारी निदेशक जोशी ने परियोजना के कार्यों की समीक्षा की। बताया कि टीम भावना से कर्मी निर्धारित समय में सभी कार्य पूरा कर लेंगे।
पीएसपी की विशेषता-
1000 मेगावाट की पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) के निर्माण से कोई भी गांव अथवा क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा। परियोजना के मुख्य बांध के अंदर ही विभिन्न सुरंग और अन्य निर्माण किया जा रहा है। साथ ही टिहरी और कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन से निकलने वाले पानी को रिसाइकिल कर बिजली उत्पादन किया जाएगा। परियोजना का अपस्ट्रीम व्यास लगभग 21 मीटर, ऊंचाई 140 मीटर है। जबकि डाउनस्ट्रीम व्यास 18 मीटर, ऊंचाई 80 मीटर है। मुख्य पावर हाउस जिसकी चौड़ाई 25.4 मीटर, ऊंचाई 55 मीटर और लंबाई 203 मीटर है। इसमें दो मुख्य सुरंगें हैं, जिनमें से एक का व्यास 9 मीटर, लंबाई करीब 1150 मीटर और दूसरी सुरंग का व्यास 6 मीटर और लंबाई 1500 मीटर के करीब है।