प्रतापनगर : बाघ के हमले से बचाने वाले बहादुर कुत्ते की कहानी, जानिए क्या है मामला
प्रतापनगर : बाघ के हमले से बचाने वाले बहादुर कुत्ते की कहानी, जानिए क्या है मामला

प्रताप नगर– प्रताप नगर तहसील के मुखमाल गांव के निकट सोडेंच नामक स्थान में बुधवार शाम एक साहसी कुत्ते ने अपनी वफादारी और बहादुरी का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। गांव के खेतों में काम कर रही महिलाओं पर बाघ ने हमला कर दिया, लेकिन कुत्ते ने अपनी जान की परवाह किए बिना महिलाओं को बचाया।
शाम 4:00 बजे के करीब, श्रीमती सोना देवी और कई अन्य महिलाएं खेतों में काम कर रही थीं। इसी दौरान एक बाघ घात लगाए बैठा था और अचानक महिलाओं की तरफ दौड़ा। बाघ के हमले का आभास होते ही, खेत में मौजूद कुत्ता तुरंत हरकत में आया और बाघ पर हमला कर दिया। कुत्ते और बाघ के बीच कड़ा संघर्ष हुआ, जिसमें कुत्ता बुरी तरह घायल हो गया लेकिन उसने बाघ को भागने पर मजबूर कर दिया।
सोना देवी और अन्य महिलाओं ने जोर-जोर से हल्ला मचाया, जिससे आसपास के लोग भी घटनास्थल पर पहुंच गए। कुत्ते की बहादुरी ने सभी को प्रभावित किया और गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विजयपाल सिंह राणा ने घायल कुत्ते को तुरंत पशु चिकित्सालय धोन्त्री पहुंचाया। वहां फार्मासिस्ट सतीश कुमार ने कुत्ते का इलाज किया और उसके 18-20 टांके लगाए।
जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पहाड़ों में लगातार जंगली जानवरों के हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे जन और धन की हानि हो रही है। यह पहाड़ों से पलायन का एक बड़ा कारण भी है। सरकार और वन विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।”
राणा ने वन विभाग से मांग की कि वे गांवों में गश्त बढ़ाएं और बाघ के खौफ से ग्रामीणों को राहत दिलाएं। उन्होंने कहा, “गांव में बाघ का डर बढ़ रहा है, जिससे लोग अपनी जान की परवाह करते हुए पलायन कर रहे हैं। वन विभाग को मौके पर पहुंचकर लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”
इस घटना ने गांव वालों के दिलों में कुत्ते की वफादारी और बहादुरी की एक नई मिसाल कायम की है।