प्रतापनगर : जंगलों में आग से भारी नुकसान, विभाग ने ग्रामीण की मदद से पाया आग पर काबू , भाजपा मंडल उपाध्यक्ष ने की ये मांग
प्रतापनगर : जंगलों में आग से भारी नुकसान, विभाग ने ग्रामीण की मदद से पाया आग पर काबू , भाजपा मंडल उपाध्यक्ष ने की ये मांग
पिछले सप्ताह उत्तराखंड के विभिन्न वन क्षेत्रों में जंगल की आग की कई घटनाएं सामने आईं, जिसमें गर्मी के मौसम और तेज़ हवाओं के कारण आग तेजी से फैल गई। इस आग ने वन्य जीवों और पौधों को भारी नुकसान पहुंचाया। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में टिहरी जिले के प्रतापनगर तहसील का ओण पट्टी का ग्राम खेत, दुलियाब, और मिश्रवाण गांव शामिल हैं।
टिहरी जिले की भयावह स्थिति
टिहरी जिले के मिश्रवाण गांव के जंगलों में पिछले दो दिनों से लगी आग ने वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया है। आग इतनी भयंकर थी कि यह ग्राम मिश्रवाण के घरों तक पहुंच गई, जिससे दो छनियां जलकर खाक हो गईं। ग्रामीणों के अनुसार, आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था और इसे काबू में लाना बेहद मुश्किल हो गया था।
वन विभाग और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास
आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग और स्थानीय ग्रामीणों ने दिन-रात मेहनत की। वन विभाग ने आग बुझाने के लिए आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया ग्रामीणों ने भी अपने स्तर पर आग बुझाने में सहयोग किया। प्रतापनगर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष राजपाल सिंह मिश्रवाण ने वन विभाग से गांव वालों के नुकसान की भरपाई की मांग की है।
वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
उत्तराखंड वन विभाग ने अपनी त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया से जंगल की आग पर काबू पाया है। विभाग ने आग बुझाने के बाद प्रभावित क्षेत्रों की पुनर्वास और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया है। वन अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और नए पौधों का रोपण शीघ्र शुरू किया जाएगा।
*भविष्य की योजनाएं*
वन विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक योजना बनाई है। इसमें वन क्षेत्रों की नियमित निगरानी, आग से बचाव के उपकरणों का उन्नयन, और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर आग से बचाव के उपाय शामिल हैं। विभाग ने कहा है कि वे ग्रामीणों को आग से बचाव और सुरक्षा के बारे में जागरूक करेंगे, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में जंगल की आग ने वन्य जीवों, पौधों और स्थानीय लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग और ग्रामीणों के अथक प्रयासों से आग पर काबू पाया गया है। अब विभाग प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कार्य योजना पर काम कर रहा है, जिससे वन और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।