जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे यात्री और स्थानीय लोग पिलखी और मुयाल गांव में जर्जर पुलिया दे रही दुर्घटनाओं को न्योता मरम्मत करने के बजाए लोनिवि के अधिकारी कर रहे पुलिया की लिपाई-पुताई
जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे यात्री और स्थानीय लोग पिलखी और मुयाल गांव में जर्जर पुलिया दे रही दुर्घटनाओं को न्योता मरम्मत करने के बजाए लोनिवि के अधिकारी कर रहे पुलिया की लिपाई-पुताई
नई टिहरी, मुकेश रतूड़ी, चारधाम यात्रा मार्गों पर यात्री और स्थानीय लोग जान-जोखिम में आवागमन करने को मजबूर हैं। जर्जर मार्ग दुर्घटनाओं का न्योता दे रहे हैं। आलम यह है कि वर्षों से खस्ताहाल बने पुलों की मरम्मत करने के बजाए लोनिवि के अधिकारी उनकी लिपाई-पुताई कर इतिश्री कर रहे हैं। जिससे आने वाले बरसात के सीजन में इन स्थानों पर समस्या विकट हो सकती है। यही नहीं इन मार्गों पर कई जगह अवैध खनन हो रहा है। लेकिन लोनिवि उनके खिलाफ भी कार्रवाई से कतरा रहा है।
ऋषिकेश-गंगोत्री और ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के अलावा चारधाम यात्रा के कई अन्य मार्ग भी जर्जर हालत में है। यात्रा सीजन शुरू होने के बावजूद इन मार्गों पर लोनिवि और अन्य निर्माण एजेंसियां बेहतर ट्रीटमेंट कार्य नहीं कर पाई है। लंबगांव-कोटालगांव-चमियाला, टिहरी-घनसाली और घनसाली-केदारनाथ मार्ग भी चारधाम यात्रा के प्रमुख मार्ग हैं। यात्री यमुनोत्री और गंगोत्री के दर्शन करने के बाद इन्हीं मार्गों से बद्रीनाथ-केदारनाथ पहुंचते हैं। लंबगांव-कोटालगांव-चमियाला मार्ग केमुंडाखाल से दल्ला और लाटा के बीच कई जगह क्षतिग्रस्त है। जबकि टिहरी-घनसाली मार्ग पर पिलखी के पास गडमाणा गेदेर पर करीब 5 दशक पूर्व बनी पुलिया खस्ताहाल बनी हुई है। पुलिया के एंगल, पैराफिट, डामर पूरी तरह उखड़ा हुआ है। विभाग ने इसकी रंगाई-पुताई करवाकर इतिश्री कर दी है। यही हाल घनसाली-केदारनाथ मार्ग का भी है। मुयालगांव के पास सालों से क्षतिग्रस्त पुलिया का भी यही आलम बना हुआ है। पुलिया पर पानी का रिसाव हो रहा है। डामर उखड़ गया है। बरसात होने पुलिया के दीवार कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। इसी मार्ग पर जखन्याली के पास सड़के पर कई मीटर अंदर की ओर अवैध खनन कर बजरी और पत्थर निकाले जा रहे हैं। माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें सरकार और प्रशासन को कोई भय नहीं है।
इनका क्या है कहना
-पिलखी और मुयाल गांव में जर्जर पुलिया का जल्द निरीक्षण करूंगा। इनकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजे हैं। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य किए जाएंगे। सीआरएफ मद से घनसाली से चिरबटिया और कोटालगांव-चमियाला मार्ग पर कार्य कराए हैं। चारधाम यात्रियों को सुविधा देना विभाग का काम है।जगदीश सिंह खाती, ईई लोनिवि घनसाली।