नई टिहरी: भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. स्वराज विद्वान का कांग्रेस पर तीखा हमला, राहुल गांधी के आरक्षण बयान पर किया पलटवार
नई टिहरी: भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. स्वराज विद्वान का कांग्रेस पर तीखा हमला, राहुल गांधी के आरक्षण बयान पर किया पलटवार
नई टिहरी, 25 सितंबर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. स्वराज विद्वान ने आज एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के 57 वर्षों के शासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी लंबी अवधि तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस देश को बुनियादी नागरिक सुविधाएं—जैसे बिजली, पानी, शौचालय और घर—भी मुहैया कराने में नाकाम रही।
राहुल गांधी पर तीखा प्रहार:
डॉ. विद्वान ने राहुल गांधी के हालिया अमेरिकी दौरे पर उनके द्वारा दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी का ‘आरक्षण हटाने’ का बयान कांग्रेस की पुरानी सोच को दर्शाता है, जो हमेशा से सामाजिक न्याय के खिलाफ रही है। “यह वही विचारधारा है जो नेहरू के समय से चलती आ रही है। कांग्रेस ने हमेशा से आरक्षण और पिछड़े वर्गों के अधिकारों का विरोध किया है
मोदी सरकार की उपलब्धियों का गुणगान:
भाजपा की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए डॉ. विद्वान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 10 वर्षों को सामाजिक और आर्थिक सुधारों का युग बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य केवल विकास नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग का समग्र उत्थान है।
डॉ. अंबेडकर का सम्मान, कांग्रेस पर आरोप:
डॉ. स्वराज विद्वान ने कांग्रेस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी अंबेडकर का उचित सम्मान नहीं किया, जबकि भाजपा सरकार ने उनके जीवन से जुड़े पाँच प्रमुख स्थलों को “पंचतीर्थ” के रूप में विकसित किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को सम्मानित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनमें भीम ऐप का शुभारंभ और डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना शामिल है।
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने का जिक्र:
डॉ. विद्वान ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाए जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे अनुसूचित जाति वर्ग को 70 साल बाद न्याय और सम्मान मिला है। यह भाजपा की समाज के हर वर्ग को सशक्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कांग्रेस पर तीखा हमला:
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कांग्रेस की विफलताओं को उजागर करते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधान का अपमान किया, मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाला और पिछड़े वर्गों के आरक्षण में हमेशा अड़चनें डालीं। उन्होंने इंदिरा गांधी पर आपातकाल के दौरान संविधान की आत्मा को कुचलने का भी आरोप लगाया।
डॉ. स्वराज विद्वान ने भाजपा की उपलब्धियों और कांग्रेस की विफलताओं को गिनाते हुए स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का उद्देश्य सत्ता नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों का उत्थान करना है।
“बाबासाहेब के सपनों का भारत बनाएगी भाजपा”
प्रेस वार्ता के समापन में डॉ. विद्वान ने कहा कि भाजपा बाबासाहेब अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रही है, जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिले
प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
नेहरू सरकार ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की काका कालेलकर रिपोर्ट को खारिज कर दिया।
– नेहरू ने 1961 में मुख्य मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है।
नेहरू ने डॉ अंबेडकर के सामाजिक व राजनैतिक जीवन को समाप्त करने का षड्यंत्र किया। 1952 में लोकसभा चुनाव और 1954 में लोकसभा उपचुनाव में डॉ अंबेडकर को हराने का पाप किया।
धारा 370 और 35 अ को समाप्त कर जम्मू कश्मीर के अनुसूचित जाति वर्ग को 70 वर्ष बाद सामाजिक न्याय व सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया।
1975 में इंदिरा गांधी जी ने आपातकाल लगाकर संविधान की आत्मा को कुचला था।
इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर ओबीसी आरक्षण में देरी की।
1966 से 1977 तक, संविधान में 25 बार संशोधन हुआ। 42वें संशोधन में 41 अनुच्छेदों में संशोधन और 11 नए अनुच्छेद जोड़े गए। 2014 के बाद मोदी जी के कार्यकाल में संविधान में केवल आठ बार संशोधन हुआ था, यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
– कुछ महत्वपूर्ण संशोधन निम्नलिखित हैं:
• 2017 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया गया। • 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण की शुरुआत।
• 2019 में वित्त आयोग और संविधान की छठी अनुसूची से संबंधित प्रावधानों में संशोधन ।
• 2019 में लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आरक्षण का 10 वर्षों के लिए विस्तार किया गया।
• 2021 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ओबीसी सूची में परिवर्तन करने का अधिकार प्रदान किया गया।
कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी ने 3 मार्च 1985 को एससी आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए यह कहा था कि आरक्षण के माध्यम से हमे बुदुओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और 1990 में लोकसभा में आरक्षण का पुरजोर विरोध किया और मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत की. जो बाबासाहेब के मूल संविधान के खिलाफ था।
अल्पसंख्यक संस्थान और आरक्षण
जामिया मिलिया (2011) और एएमयू (1981) जैसे सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थानों के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ों को आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया।
93वें संवैधानिक संशोधन (2005) के तहत अल्पसंख्यक संस्थानों को आरक्षण प्रदान करने से छूट दी गई। इस एक कदम से सैकड़ों संस्थानों से पिछड़े समुदायों के अधिकार छीन लिए गए।
संविधान
1. देश 1947 में आजाद हुआ, 57 वर्ष केंद्र में कांग्रेस सरकार रहते हुए संविधान दिवस नहीं बनाया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2015 से शासकीय स्तर पर संविधान दिवस मनाना चालू किया। उसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2015 में संसद के दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा (discussion) कराने का निर्णय किया, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।
2. 2010 में, जब संविधान के 60 वर्ष पूरे हुए, तो गुजरात में अपने कार्यकाल के दौरान,
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संविधान गौरव यात्रा आयोजित की। इस यात्रा में संविधान की प्रति को हाथी के मस्तक पर रखकर पूरे शहर में निकालकर सम्मानित किया गया।
3. कांग्रेस ने संविधान को अपनाने के बाद 90 मौकों पर निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त करने के लिए अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया, जिससे संविधान का मजाक उड़ाया गया।
4. डॉ. अंबेडकर और संविधान सभा ने संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण को मान्यता नहीं दी थी, फिर भी OBC कोटा से आंध्र प्रदेश में 4%, केरल में 8% और तमिल नाडु में 3.5% आरक्षण मुस्लिम समुदाय को देकर संविधान का उल्लंघन किया।
डॉ अंबेडकर का अपमान
1. कांग्रेस ने अपनी सरकारों में कभी भी बाबासाहेब का तैल चित्र संसद में नहीं लगने दिया न ही उन्हें कभी भारत रत्न देने का विचार किया।
2. पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ‘कल्याण मंत्रालय’ को ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ के रूप में बदला। उन्होंने कहा कि एक असमान समाज में जहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग अभी भी ऐतिहासिक अक्षमताओं से पीड़ित हैं, वे जो चाहते हैं वह सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण है, न कि केवल कल्याण। मंत्रालय का नाम बदलने का हमारा निर्णय
कल्याण की अवधारणा की तुलना में समानता और सामाजिक-आर्थिक मुक्ति के मूल्यों के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्वता द्वारा निर्देशित है।
3. बाबासाहेब के जीवन से जुड़े सभी ऐतिहासिक स्थलों को केवल भूमि व स्थल न मानकर अपितु उनको तीर्थस्थल का सम्मान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने दिया। बाबासाहेब के जीवन से जुड़ी पाँच महत्वपूर्ण स्थानों को भाजपा सरकारों ने विकसित किया। पंचतीर्थ में – महू में डॉक्टर अंबेडकर की जन्मभूमि, लंदन में शिक्षा भूमि, नागपुर में दीक्षाभूमि, दिल्ली का महापरिनिर्वाण स्थल और मुंबई में चैत्य भूमि शामिल है।
4. पूर्व प्रधानमंत्री माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी के प्रयास से ही 1990 में बाबासाहब डॉ अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
5. अनुसूचित जाति पर अध्ययन, अनुसन्धान, विश्लेषण और नीति निर्माण करने के लिए डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में की।
6. बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भीम ऐप का शुभारंभ किया, जिससे निम्न, मध्यम वर्ग के व्यापारियों, किसानों, गरीबों को ताक़त प्रदान की गयी।
प्रेस वार्ता में टिहरी
विधायक किशोर उपाध्याय भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश नौटियाल गोपी राम चमोली विजय कठैत, डॉक्टर प्रमोद उनियाल, जयेंद्र पवार, रोशन लाल आर्य सहित भाजपा का कार्यकर्ता मौजूद रहे