टिहरी गढ़वाल में वनाग्नि नियंत्रण पर मॉक ड्रिल: आपदा प्रबंधन की तैयारियों का सफल परीक्षण
टिहरी गढ़वाल में वनाग्नि नियंत्रण पर मॉक ड्रिल: आपदा प्रबंधन की तैयारियों का सफल परीक्षण
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जनपद टिहरी गढ़वाल में वनाग्नि पर नियंत्रण हेतु किया गया मॉक ड्रिल।‘
गुरूवार को मॉक ड्रिल हेतु जनपद टिहरी में वनाग्नि पर नियंत्रण हेतु 03 स्थान यथा तहसील धनोल्टी क्षेत्रान्तर्गत सुवाखोली से उत्तरकाशी मोटर मार्ग पर अलमास गांव के समीप आरक्षित वन क्षेत्र, देवप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत महाड़ के समीप एनएच 58 (श्रीनगर ऋषिकेश) आरक्षित वन क्षेत्र तथा तहसील घनसाली क्षेत्रांतर्गत बहेड़ा गांव के समीप रेसिन डिपो भैसवाड़ा आरक्षित वन क्षेत्र चिन्हित किये गये। वनाग्नि की घटनाओं में परिस्थितियों का किस तरह समाधान किया जाय, रिस्पांस टाइम कम करने, वनाग्नि को रोकने के लिए जन सहयोग और अन्य प्रभावी उपायों पर मॉक ड्रिल की गई।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित आपदा कन्ट्रोल रूम से लगातार उक्त तीन स्थानों में मॉक ड्रिल वनाग्नि की घटनाओं को लेकर मॉनिटरिंग करते हुए अपडेट लेते रहे। मॉक ड्रिल के बाद जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय आईआरएस तंत्र के सभी अधिकारियो से कहा कि सभी विभागों के साथ ही सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों और वन पंचायतों का भी वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सहयोग लिया जाए। वनों में आग लगाने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि से वन संपदा को नुकसान होने के साथ ही पर्यावरण दूषित होता है तथा पशु-पक्षियों को हानि पहुंचती है। उन्होंने वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए नियमित जन-जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
इस अवसर पर एसएसपी आयुष अग्रवाल, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, डीएफओ पुनीत तोमर, एडीएम ए.के. पाण्डेय, सीएमओ डॉ. श्याम विजय, एसडीएम अपूर्वा सिंह, डीडीएमओ बृजेश भट्ट सहित अन्य जिला स्तरयी आईआरएस टीम के अधिकारी उपस्थित रहे।