मुकेश रतूड़ी
नई टिहरी, 11 दिसम्बर चंबा ब्लॉक के पाली गांव निवासी मयंक सुयाल भारतीय सेना में अधिकारी बन गए हैं। शनिवार को आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड के बाद वह लेफ्टिनेंट बन गए हैं। पीओपी में उनके कंधों पर सितारे लगाते ही परिजनों के चेहरे खिल उठे। मयंक के लेफ्टिनेंट बनने पर जिलेभर के लोगों ने खुशी जताई है।
चंबा ब्लॉक की मनियार पट्टी के पाली गांव निवासी वर्तमान में मोथरोवाला देहरादून में निवासरत मयंक सुयाल शनिवार को चार साल के कड़े प्रशिक्षण के बाद सेना में अधिकारी बन गए हैं। उनके पिता परमानंद सुयाल 17वीं गढ़वाल राइफल से बतौर सूबेदार सेवानिवृत्त होकर वर्तमान में एफआरआई देहरादून में खेल अधिकारी के पद पर तैनात हैं। जबकि मां मीना सुयाल गृहणी हैं। उनकी एक बहन भी है जो देहरादून में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। मयंक के परिजनों का नियमित पाली गांव में आना जाना है। उनके तीन ताऊ गांव में ही रहते हैं। बड़े ताऊ शांति प्रकाश सुयाल डीआरडीओ से सेवानिवृत्त हैं। जबकि मंझले ताऊ चंद्र दत्त सुयाल लोक कलाकार हैं। छोटे ताऊ दिलमणि सुयाल शिक्षक हैं। उन्होंने मयंक की सफलता पर खुशी जताई है। बता दें कि मयंक ने एक वर्ष ओटीए गया और तीन वर्ष सीएमआई पुणे में कोर्स पूरा करने के बाद आईएमए में हुई
पीओपी में लेफ्टिनेंट बनकर सेना के हिस्सा बन गए हैं। मयंक की शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित सेंट थॉमस स्कूल से हुई है। सुयाल परिवार की लगातार दूसरी पीढ़ी भारतीय सेना में सेवाएं देने को तैयार है। पीओपी में बेटे के कंधों पर सितारे लगते ही उनके पिता परमानंद सुयाल का कहना है कि कठिन परिश्रम और लगन से ही उनके पुत्र को मंजिल मिली है। वहीं मंयक ने भी सफलता का श्रेय परिजनों और शिक्षकों को दिया है। इधर, चंबा और पाली गांव में मयंक की सफलता पर लोगों खुशी जताई है। खुशी जताने वालों में ब्लॉक प्रमुख शिवानी बिष्ट, समाजसेवी वीरेंद्र सजवाण, पालिकाध्यक्ष सुमना रमोला, सुशील बहुगुणा, सोमवारी लाल सकलानी, रघुभाई जड़धारी, सचिन सजवाण, बिशन सिंह भंडारी, यशपाल सिंह, नरेंद्र रमोला, सूरज राणा, राजेंद्र डोभाल आदि शामिल रहे।